अपडेटेड 16 April 2025 at 07:19 IST
Sankashti Chaturthi 2025: विकट संकष्टी चतुर्थी आज, जानिए मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Vikat Sankashti Chaturthi 2025: अगर आप भी विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने जा रहे हैं तो आपको पूजा का शुभ मुहूर्त नोट कर लेना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Vikat Sankashti Chaturthi 2025: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है, जो कि आज यानी बुधवार, 16 अप्रैल को है। आज के दिन भगवान भगवान गणेश जी की विधि विधान से पूजा और व्रत किए जाने का विधान होता है। कहते हैं जो व्यक्ति विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का व्रत करता है उस पर बप्पा की कृपा हमेशा बनी रहती है और बप्पा उसे सभी दुखों और कष्टों से छुटकारा देते हैं।
विकट संकष्टी चतुर्थी तिथि का व्रत करने से सभी जीवन की सभी विघ्न और बाधाएं दूर होने लगती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आज आप किस शुभ मुहू्र्त में गणपति जी की उपासना कर सकते हैं और जानते हैं कि आज के दिन का महत्व क्या होता है।
विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त (Vikat Sankashti Chaturthi 2025 Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक।
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 09 मिनट तक।
- निशिता मुहूर्त: रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक।
विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Vikat Sankashti Chaturthi 2025 Puja Vidhi)
- संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र पहनें।
- फिर लकड़ी की एक साफ चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
- अब भगवान गणेश को पुष्प, फल आदि चढ़ाएं।
- देसी घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करें।
- गणेश चालीसा का पाठ करें।
- व्रत कथा का पाठ करें और गणपति जी को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग अर्पित करें।
- शाम के समय चंद्रमा के दर्शन करें और उन्हें अर्घ्य अर्पित करें।
विकट संकष्टी चतुर्थी 2025 का महत्व (Vikat Sankashti Chaturthi 2025 Mahatva)
नारद पुराण के मुताबिक, विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा और व्रत किए जाने का विधान है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से कुंडली में चंद्रमा और बुध से जुड़े दोष दूर होते हैं और जीवन के सभी कष्टों का नाश होता है। यह व्रत रोग, विघ्न, आर्थिक संकट आदि से मुक्ति दिलाता है और इस व्रत को करने से घर-परिवार में सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। खास बात यह है कि इस दिन का व्रत रखकर चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने से गणेश जी अति प्रसन्न होते हैं और वह अपना आशीर्वाद साधक पर बनाए रखते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 16 April 2025 at 07:19 IST