अपडेटेड 22 February 2025 at 07:55 IST

Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी कब? इस दिन करें भगवान विष्णु के नामों का जप

Vijaya Ekadashi 2025 Date: इस साल विजया एकादशी कब मनाई जाएगी? आइए यहां जानते हैं।

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Ekadashi
विजया एकादशी | Image: Freepik

Vijaya Ekadashi 2025 Date: साल में 24 और महीने में 2 बार पड़ने वाली सभी एकादशियों का नाम और महत्व अलग-अलग होता है। एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की प्रिय तिथि माना गया है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2025) के रूप में मनाया जाता है। जो कि इस साल 24 फरवरी 2025 को मनाई जा रही है।

इस दिन विधिवत रूप से श्रीहरि विष्णु की पूजा और उपासना की जाती है। माना जाता है कि विजया एकादशी के दिन विष्णुजी और लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहा फल मिलता है। इतना ही नहीं विजया एकादशी के दिन आपको श्री हरि के 108 नामों के मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी चिंताएं दूरी होंगी और विष्णु जी की कृपा सदैव आप पर बनी रहेंगी।

भगवान विष्णु के 108 नाम (Vishnu ji ke naam)

  1. ऊँ श्री सुरेशाय नम:।
  2. ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नम:।
  3. ऊँ श्री सर्वेश्वराय नम:।
  4. ऊँ श्री अच्युताय नम:।
  5. ऊँ श्री वासुदेवाय नम:।
  6. ऊँ श्री पुण्डरीक्षाय नम:।
  7. ऊँ श्री नर-नारायणा नम:।
  8. ऊँ श्री जनार्दनाय नम:।
  9. ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:।
  10. ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम:।
  11. ऊँ श्री धर्माध्यक्षाय नम:।
  12. ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:।
  13. ऊँ श्री माधवाय नम:।
  14. ऊँ श्री महाबलाय नम:।
  15. ऊँ श्री गोविन्दाय नम:।
  16. ऊँ श्री प्रजापतये नम:।
  17. ऊँ श्री विश्वातमने नम:।
  18. ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नम:।
  19. ऊँ श्री नारायणाय नम:।
  20. ऊँ श्री सिद्ध संकल्पयाय नम:।
  21. ऊँ श्री विष्णवे नम:।
  22. ऊँ श्री परमात्मने नम:।
  23. ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:।
  24. ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नम:।
  25. ऊँ श्री केशवाय नम:।
  26. ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम:।
  27. ऊँ श्री ईश्वराय नम:।
  28. ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:।
  29. ऊँ श्री पद्मनाभाय नम:।
  30. ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम:।
  31. ऊँ श्री कृष्णाय नम:।
  32. ऊँ श्री प्रजापतये नम:।
  33. ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम:।
  34. ऊँ श्री महेन्द्राय नम:।
  35. ऊँ श्री वामनाय नम:।
  36. ऊँ श्री अनन्तजिते नम:।
  37. ऊँ श्री महीधराय नम:।
  38. ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:।
  39. ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम:।
  40. ऊँ श्री दामोदराय नम:।
  41. ऊँ श्री कमलापतये नम:।
  42. ऊँ श्री परमेश्वराय नम:।
  43. ऊँ श्री धनेश्वराय नम:।
  44. ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:।
  45. ऊँ श्री आनन्दाय नम:।
  46. ऊँ श्री सत्यधर्माय नम:।
  47. ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:।
  48. ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम:।
  49. ऊँ श्री भगवते नम:।
  50. ऊँ श्री शान्तिदाय नम:।
  51. ऊँ श्री गोपतये नम:।
  52. ऊँ श्री श्रीपतये नम:।
  53. ऊँ श्री श्रीहरये नम:।
  54. ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम:।
  55. ऊँ श्री कपिलेश्वराय नम:।
  56. ऊँ श्री वाराहय नम:।
  57. ऊँ श्री नरसिंहाय नम:।
  58. ऊँ श्री रामाय नम:।
  59. ऊँ श्री हयग्रीवाय नम:।
  60. ऊँ श्री शोकनाशनाय नम:।
  61. ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम:।
  62. ऊँ श्री केश्वाय नम:।
  63. ऊँ श्री धनंजाय नम:।
  64. ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम:।
  65. ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नम:।
  66. ऊँ श्री लोकनाथाय नम:।
  67. ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम:।
  68. ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम:।
  69. ऊँ श्री एकपदे नम:।
  70. ऊँ श्री सुलोचनाय नम:।
  71. ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नम:।
  72. ऊँ श्री सप्तवाहनाय नम:।
  73. ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम:।
  74. ऊँ श्री योगिनेय नम:।
  75. ऊँ श्री धनुर्धराय नम:।
  76. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:।
  77. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:।
  78. ऊँ श्री अक्रूराय नम:।
  79. ऊँ श्री दु:स्वपननाशनाय नम:।
  80. ऊँ श्री भूभवे नम:।
  81. ऊँ श्री प्राणदाय नम:।
  82. ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम:।
  83. ऊँ श्री शंख भृते नम:।
  84. ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नम:।
  85. ऊँ श्री विराटपुरुषाय नम:।
  86. ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम:।
  87. ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:।
  88. ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:।
  89. ऊँ श्री प्रभवे नम:।
  90. ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम:।
  91. ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम:।
  92. ऊँ श्री वामनाय नम:।
  93. ऊँ श्री हंसाय नम:।
  94. ऊँ श्री वयासाय नम:।
  95. ऊँ श्री प्रकटाय नमः।
  96. ऊँ श्री सुरेशाय नम:।
  97. ऊँ श्री कमलनयनाय नम:।
  98. ऊँ श्री जगतगुरूवे नम:।
  99. ऊँ श्री सनातन नम:।
  100. ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम:।
  101. ऊँ श्री द्वारकानाथाय नम:।
  102. ऊँ श्री दानवेन्द्र विनाशकाय नम:।
  103. ऊँ श्री दयानिधि नम:।
  104. ऊँ श्री एकातम्ने नम:।
  105. ऊँ श्री शत्रुजिते नम:।
  106. ऊँ श्री घनश्यामाय नम:।
  107. ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:।
  108. ऊँ श्री जरा-मरण-वर्जिताय नम:।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 22 February 2025 at 07:55 IST