अपडेटेड 24 February 2025 at 08:19 IST

Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी आज, जानिए मुहूर्त, पूजा विधि समेत सब कुछ

Vijaya Ekadashi 2025: इस साल विजया एकादशी आज मनाई जा रही है। आइए जानते हैं पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में।

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Ekadashi 2024
विजया एकादशी 2025 | Image: unsplash

Vijaya Ekadashi 2025: साल में 24 और महीने में 2 बार पड़ने वाली सभी एकादशियों का नाम और महत्व अलग-अलग होता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2025) के रूप में मनाया जाता है। जो कि इस साल आज यानी, सोमवार 24 फरवरी 2025 को मनाई जा रही है। एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की प्रिय तिथि माना गया है।

इस दिन विधिवत रूप से श्री हरि की पूजा और उपासना की जाती है। माना जाता है कि विजया एकादशी के दिन विष्णुजी और लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहा फल मिलता है। आइए जानते हैं कि आप किस विधि के साथ और किस मुहूर्त में विष्णु जी की पूजा कर सकते हैं।

विजया एकादशी 2025 पूजा मुहूर्त (Vijaya Ekadashi 2025 Puja Muhurat)

आज विजया एकादशी के दिन आप यहां दिए गए पूजा मुहूर्तों में से किसी भी समय विष्णु जी की पूजा कर सकते हैं।

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 11 मिनट से 06 बजकर 01 मिनट तक।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 40 मिनट तक।
  • निशिता मुहूर्त: रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक।

विजया एकादशी 2025 व्रत पारण (Vijaya Ekadashi 2025  Vrat Paran)

विजया एकादशी व्रत का पारण 25 फरवरी 2025 को सुबह 06 बजकर 50 मिनट से सुबह ही 09 बजकर 08 मिनट तक किया जा सकता है। इस अवधि के भीतर व्रत का पारण करना अति शुभ माना जाएगा। व्रत पारण के बाद आप गरीबों को जरूरत की चीजें दान भी कर सकते हैं।

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विजया एकादशी की पूजा (Vijaya Ekadashi 2025 Puja Vidhi)

  • विजया एकादशी की पूजा की तैयारी एक दिन पहले शुरू हो जाती है।
  • व्रत से एक दिन पहले पूजा के स्थान को गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध किया जाता है।
  • इसके बाद उस जगह पर सप्त अनाज रखा जाता है।
  • अब विजया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
  • अब पूजा स्थल पर सप्त अनाज के ऊपर तांबे या मिट्‌टी का कलश स्थापित करें।
  • इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर लगाएं।
  • अब भगवान विष्णु को धूप, दीप, चंदन, फल-फूल और तुलसी आदि अर्पित करें।
  • पूजा के बाद विजया एकादशी की कथा का पाठ करें।
  • और भगवान विष्णु को किसी मिष्ठान का भोग लगाएं।

विजया एकादशी का महत्व (Vijaya Ekadashi 2025 Ka Mahatav)

जैसा कि विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है। ऐसे में धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी का व्रत रखने से विजय की प्राप्ति होती है। यानी कि इस व्रत को करने से आपको हर काम में सफलता मिल सकती है। माना जाता है कि भगवान राम ने लंका अधिपति रावण पर विजय पाने के लिए ऋषि बकदाल्भ्य के कहने पर विजया एकादशी का व्रत रखा था। यही वजह है कि एकादशी के व्रत के प्रभाव के कारण ही भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त करने में मदद मिली थी।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 24 February 2025 at 08:19 IST