अपडेटेड 6 August 2024 at 09:37 IST
Mangla Gauri Vrat 2024: सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज, नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
Mangla Gauri vrat 2024: आज सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि आप किस शुभ मुहूर्त में मां गौरी की पूजा कर सकते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Third Mangla Gauri Vrat 2024: हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व होता है। सावन में शिव पूजन करना जितना अहम माना जाता है उतना ही खास होता है इस महीने के हर मंगलवार को पार्वती माता की पूजा करना। सावन के हर सोमवार को जिस तरह के शिवजी की पूजा अर्चना की जाती है उसी तरह से मंगलवार के दिन माता पार्वती को पूजा जाता है।
दरअसल, सावन के हर मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत किया जाता है। यही वजह है कि इस व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ मां गौरी की भी पूजा की जाती है। आज यानी मंगलवार, 6 अगस्त के दिन सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत किया जा रहा है। माना जाता है कि इस व्रत को अगर सुहागिनें रखती हैं तो उनको अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है वहीं अगर कुंआरी लड़कियां इस व्रत को करती हैं तो उन्हें मनचाहे जीवनसाथी या वर की प्राप्ति होती है।
ऐसे में अगर आप भी आज मंगला गौरी व्रत करने जा रही हैं तो आपको पूजा के शुभ मुहूर्त और मां पार्वती की सही पूजन विधि के बारे में जान लेना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में।
तीसरे मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त (Third Mangla Gauri Vrat 2024 Shubh Muhurat)
आज यानी मंगलवार, 6 अगस्त को तीसरा मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है। ऐसे में पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 21 मिनट से लेकर 05 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में मां गौरी के साथ-साथ शिवजी की पूजा करना अति शुभ माना जाएगा।
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मंगला गौरी व्रत पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi)
- सावन के तीसरे मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
- स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग के साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव अर्घ्य दें।
- अब घर के मंदिर की साफ सफाई कर इसे गंगाजल से शुद्ध करें।
- इसके बाद मंदिर में लकड़ी की चौकी स्थापित कर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- अब चौकी पर भागवना शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- शिवजी और मां पार्वती को अक्षत, कुमकुम, फूल, फल आदि चीचें अर्पित करें।
- इस दौरान माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें जैसे, कुमकुम, बिंदी, चुड़ियां, सिंदूर, लाल चुनरी आदि जरूर चढ़ाएं।
- अब शिवजी और मां पार्वती के समक्ष दीपक जलाकर आरती करें और पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करें।
- इसके बाद मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें।
- अब घर में बनी मखाने की खीर का भोग लगाकर क्षमा प्रार्थना करें।
- आखिर में इस भोग को प्रसाद के रूप में सभी लोगों को वितरित करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 6 August 2024 at 09:37 IST