अपडेटेड 11 September 2025 at 09:22 IST

Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में क्या आपको भी खालीपन और कमजोरी का होता है एहसास? आयुर्वेद और ज्योतिष ने बताई इसकी वजह

Pitru Paksha 2025: क्या आपको पितृपक्ष में कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आप कमजोरी सी लग रही है या फिर आपको अकेलापन सा लग रहा है। तो इसके बारे में आयु्र्वेद और ज्योतिष में कारण बताए गए हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Pitru Paksha 2025
Pitru Paksha 2025 | Image: Freepik

Pitru Paksha 2025: हिंदू पंचांग के हिसाब से हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से लेकर अश्विन मास की अमावस्या तिथि तक की अवधि को पितृपक्ष कहा जाता है। यह कुल 16 दिनों तक चलती है। इस दौरान हमारे पूर्वज पृथ्वीलोक पर अपने परिवार वालों से मिलने के लिए आते हैं। वहीं पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो चुकी है  और इसका समापन 21 सितंबर को होगा। 

इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है।

अब ऐसे में आप सभी से सवाल है कि क्या आपने कभी पितृपक्ष के दौरान खालीपन, मानसिक रूप से थकान और कमोजीर महसूस किया है? अगर हां तो आइए आपको इस लेख में विस्तार से आयुर्वेद और ज्योतिष में इसके कारण को बताएंगे।

आयुर्वेद के अनुसार पितृपक्ष में कमजोरी का कारण

आयुर्वेद के अनुसार, मौसम के परिवर्तन का प्रभाव हमारे शरीर और मन दोनों पर पड़ता है। पितृपक्ष का समय वर्षा ऋतु के अंत और शरद ऋतु की शुरुआत के बीच होता है। इस बदलाव के कारण शरीर में वात और पित्त दोष बढ़ जाते हैं। जिससे कमजोरी होती है।

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  • पाचन तंत्र कमजोर हो जाना
  • भूख न लगना
  • थकान और सुस्ती
  • गहरी नींद न आना
  • शरीर में कमजोरी

ज्योतिष के अनुसार पितृपक्ष में मानसिक प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में पितृपक्ष को पितृ दोष निवारण का सबसे शुभ माना जाता है। इस दौरान पितृ पृथ्वीलोक पर आते हैं। ज्योतिष के अनुसार, जब पूर्वजों की आत्माएं हमारे आसपास होती हैं तो उनकी ऊर्जा और भावनाएं हम पर असर डालती हैं। वहीं, अगर किसी जातक की कुंडली में पितृदोष के साथ-साथ केतु और चंद्र दोष हो तो इससे मानसिक परेशानियां आती हैं और अकेलापन से लगता है।

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पितृपक्ष में करें ये उपाय 

  • आप रोज सुबह पितरों को जल अर्पित करें और ऊं पितृदेवाय नमः मंत्र का जाप करें। 
  • पितरों के नाम पर किसी गरीब को भोजन कराएं।
  • पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।
  • पितृपक्ष में अपने पितरों के नाम से दान-पुण्य जरूर करें। इससे पितृदोष से छुटकारा मिल सकता है। 
     

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 11 September 2025 at 09:22 IST