अपडेटेड 16 February 2025 at 08:22 IST
Surya Dev Aarti: रविवार पूजा में जरूर पढ़ें सूर्यदेव की ये आरती, जाग जाएगा सोया भाग्य, बदल जाएगी किस्मत!
Surya Dev Ki Aarti: रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करते समय आपको इस आरती का पाठ जरूर करना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Surya Dev Ki Aarti In Hindi: हिंदू धर्म में रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में सूर्यदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। कहते हैं जो व्यक्ति सुबह उठकर सूर्य भगवान की पूजा करता है उसका भाग्य भी सूर्य के तेज के समान चमकने लगता है। इतनी ही नहीं व्यक्ति विशेष की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
वहीं, अगर आप किसी प्रकार के दुख या कष्ट से गुजर रहे हैं तो आपको रविवार ही नहीं बल्कि रोजाना सूर्यदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी। सूर्यदेव की पूजा करते समय आपको उनकी इस खास आरती को जरूर पढ़ना चाहिए। इससे आपके करियर में खूब तरक्की होगी और आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा।
भगवान सूर्य की आरती (Surya Dev Ki Aarti)
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...
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सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी।
तुम चार भुजाधारी।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे।
तुम हो देव महान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...
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ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते।
सब तब दर्शन पाते।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा।
करे सब तब गुणगान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते।
गोधन तब घर आते।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में।
हो तव महिमा गान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते।
आदित्य हृदय जपते।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी।
दे नव जीवनदान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार।
महिमा तब अपरम्पार।
प्राणों का सिंचन करके, भक्तों को अपने देते।
बल, बुद्धि और ज्ञान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं।
सब जीवों के प्राण तुम्हीं।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने।
तुम ही सर्वशक्तिमान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल।
तुम भुवनों के प्रतिपाल।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी।
शुभकारी अंशुमान।।
ॐ जय सूर्य भगवान...
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 16 February 2025 at 08:22 IST