अपडेटेड 3 February 2025 at 09:49 IST
Skanda Sashti 2025: स्कंद षष्ठी पर रखें इन बातों का ध्यान, करें इस स्तोत्र का पाठ; भगवान कार्तिकेय हो जाएंगे खुश
Skanda Sashti 2025: रविवार को स्कंद षष्ठी का पर्व बेहद धूमधाम से मनाया जा रहा है।
- धर्म और अध्यात्म
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Skanda Sashti 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल माघ महीने की स्कन्द षष्ठी (Skanda Sashti 2025) आज यानी सोमवार 3 फरवरी को मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में इसका बेहद खास महत्व है। हालांकि यह पर्व दक्षिण भारत में बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु स्कंद भगवान का व्रत कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। भगवान स्कंद को कार्तिकेयन, मुरुगन और सुब्रहमन्य के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन विशेष रूप से भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। भगवान कार्तिकेय की विशेष कृपा पाने के लिए आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में।
स्कंद षष्ठी पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान (Keep these things in mind on Skanda Sashti)
- स्कंद षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठना और पवित्र स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं और दिनभर की पूजा-अर्चना में मानसिक स्पष्टता मिलती है।
- इस दिन तामसिक (जहरीली और नशीली) चीजों से दूर रहना चाहिए, जैसे मांसाहारी भोजन, शराब, तंबाकू आदि। इन चीजों से बचकर, आप शुद्ध आहार और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति कर सकते हैं, जो पूजा के प्रभाव को और बढ़ाता है।
- स्कंद षष्ठी पर पूजा करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। इस दिन विशेष रूप से साफ-सुथरे कपड़े पहनें और शुद्ध स्थान पर पूजा करें। ईश्वर के प्रति आपकी श्रद्धा और पवित्रता आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।
- स्कंद षष्ठी का दिन शांति और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन किसी से भी लड़ाई-झगड़ा करने से बचें। अपने मन को शांति में रखें और रिश्तों में मधुरता बनाए रखें, ताकि आपकी पूजा का असर आपके जीवन में बेहतर हो।
- इस दिन ज्यादा से ज्यादा पूजा और भक्ति का प्रयास करें। विशेष रूप से भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
- स्कंद षष्ठी पर दान का अत्यधिक महत्व है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या पैसे दान करें। यह पुण्य कार्य आपके जीवन में अच्छे कर्मों को बढ़ाएगा और ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी।
- अगर आप इस दिन व्रत कर रहे हैं, तो सिर्फ फलाहार (फल, मेवे, दूध आदि) का सेवन करें। यह आपके शरीर को हल्का रखेगा।
कार्तिकेय स्तोत्र (Kartikeya Stotra)
योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।
स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥
गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।
तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥
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शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।
सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥
शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो मुक्तिमार्गकृत्।
सर्वागमप्रणेता च वांछितार्थप्रदर्शनः ॥
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अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत्।
प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत् ॥
महामंत्रमयानीति मम नामानुकीर्तनात्।
महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 3 February 2025 at 09:49 IST