अपडेटेड 29 December 2025 at 16:32 IST
Shiv Chalisa: किस समय नहीं करना चाहिए शिव चालीसा का पाठ? होता है अशुभ, जानें सही तरीका और समय
Lord Shiva Blessings: शिव चालीसा का पाठ तभी फलदायी होता है जब वह सही समय, सही विधि और सच्ची श्रद्धा के साथ किया जाए। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- धर्म और अध्यात्म
- 2 min read

भगवान शिव को भोलेनाथ कहा जाता है। माना जाता है कि वे सच्चे मन से की गई पूजा से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। शिव चालीसा का पाठ करने से मन को शांति मिलती है, जीवन की परेशानियां कम होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार शिव चालीसा का पाठ करते समय समय, विधि और नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गलत समय पर किया गया पाठ फल नहीं देता, बल्कि अशुभ परिणाम भी दे सकता है।
किस समय में नहीं करना चाहिए शिव चालीसा का पाठ?
- रात्रि के समय: रात्रि के समय बिना नियम के माना जाता है कि देर रात या आधी रात में बिना स्नान और शुद्धता के शिव चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। इससे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
- अशुद्ध अवस्था में: बिना स्नान, गंदे कपड़ों में या मन में नकारात्मक भाव रखकर शिव चालीसा का पाठ करना वर्जित माना गया है।
- श्मशान या अत्यधिक शोर-शराबे वाली जगह पर: ऐसे स्थानों पर शिव चालीसा का पाठ करने से मन एकाग्र नहीं रहता और पूजा का असर कम हो जाता है।
- क्रोध, दुख या अत्यधिक मानसिक तनाव की स्थिति में: जब मन बहुत अशांत हो, गुस्सा या दुख से भरा हो, तब पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त नहीं होती।
- अपवित्र दिनों में लापरवाही से: सूतक, अशौच या अत्यधिक अपवित्रता के समय शिव चालीसा का पाठ करने से बचना चाहिए।
शिव चालीसा पाठ का सही समय
- शिव चालीसा पाठ ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 4 से 6 बजे के बीच करना सबसे उत्तम समय माना जाता है।
- ध्यान रहे कि सुबह स्नान के बाद ही शिव चालीसा का पाठ करें।
- इसके अलावा सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।
- शिव पूजा के लिए प्रदोष काल का समय अत्यंत शुभ माना जाता है।
शिव चालीसा पाठ करने का सही तरीका क्या है?
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शांत और साफ स्थान पर बैठें।
- शिवलिंग या भगवान शिव की तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
- पूरे मन और श्रद्धा से पाठ करें।
- पाठ के बाद भगवान शिव से क्षमा और आशीर्वाद जरूर मांगें।
शिव चालीसा का पाठ तभी फलदायी होता है जब वह सही समय, सही विधि और सच्ची श्रद्धा के साथ किया जाए। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Samridhi Breja
पब्लिश्ड 29 December 2025 at 16:32 IST