अपडेटेड 22 March 2025 at 07:07 IST
Sheetala Ashtami 2025: आज मनाई जा रही शीतला अष्टमी, जानिए पूजा का मुहूर्त, विधि और भोग
Sheetala Ashtami 2025: आज शीतला अष्टमी के दिन आप इस मुहूर्त में देवी की पूजा कर सकते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Sheetala Ashtami 2025 Muhurat: हिंदू धर्म में होली के बाद आठवें दिन शीतला माता की पूजा और व्रत किए जाने की परंपरा है। शीतला अष्टमी आज यानी 22 मार्च को मनाई जा रही है। मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की पूजा और व्रत करने से चेचक के साथ ही अन्य तरह की बीमारियां और संक्रमण नहीं होता हैं।
ऐसे में अगर आप किसी तरह की बीमारी या फिर अन्य कष्ट आदि से जूझ रहे हैं तो आपको शीतला अष्टमी के दिन उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी। आइए जानते हैं कि शनिवार को आप किस शुभ मुहूर्त में मां शीतला की पूजा अर्चना कर सकते हैं।
शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त (Sheetala Ashtami 2025 Puja Muhurat)
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो चुकी है। जिसका समापन 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में शीतला अष्टमी 22 मार्च को मनाई जाने वाली है। शीतला अष्टमी के दिन पूजन मुहूर्त की बात करें तो 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 23 मिनट से शाम 06 बजकर 33 मिनट तक माता शीतला की पूजा की जा सकती है। ये मुहूर्त कुल 12 घंटे 11 मिनट की अवधि का होगा।
शीतला अष्टमी पूजन शुभ चौघड़िया मुहूर्त
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- शुभ- उत्तम: सुबह 07 बजकर 54 मिनट से सुबह 09 बजकर 25 मिनट तक।
- लाभ- उन्नति: दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक।
- अमृत- सर्वोत्तम: दोपहर 03 बजकर 31 मिनट से दोपहर 05 बजकर 02 मिनट तक।
शीतला अष्टमी का भोग (Sheetala Ashtami Bhog)
शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला को भोग में बासी भोजन के अलावा बासी हलवा, पूड़ी, बाजरे की रोटी और मालपुए आदि का भोग लगाया जा सकता है। माता को भोग में ठंडी यानी बासी चीजें दिए जाने की परंपरा है।
शीतला अष्टमी की पूजा विधि (Sheetala Ashtami 2025 Puja Vidhi)
- शीतला अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ करड़े पहनें।
- इसके बाद मां शीतला को जल अर्पित करें। उन्हें अक्षत, हल्दी, मेहंदी, रोली व कलावा आदि अर्पित करें।
- माता शीतला की धूप, दीप से पूजा करें और उनकी आरती उतारें।
- शीतलाष्टक स्रोत का पाठ करें। मां को भोग लगाएं और प्रसाद को परिवार के सदस्यों में वितरित करें।
- इस दौरान माता से क्षमा प्रार्थना जरूर करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 22 March 2025 at 07:07 IST