अपडेटेड 27 September 2025 at 07:51 IST
Navratri 6th Day Maa Katyayani 2025 Chalisa: आज शारदीय नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की चालीसा का पाठ, मिलेगा मनचाहा वर
Navratri 6th Day Maa Katyayani 2025: आज नवरात्रि का छठा दिन है और इस दिन विधिवत रूप से मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। आइए इस लेख में मां कात्यायनी के चालीसा का पाठ करने के बारे में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
- 2 min read

Navratri 6th Day Maa Katyayani 2025: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन सिद्धि प्राप्ति के लिए बेहद शुभ फलदायी माना गया है। वहीं आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है।
इस दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने का विशेष विधान है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति को मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है या फिर मनचाहे परिणाम नहीं मिल रहे हैं तो हम आपको इस लेख में मां कात्यायनी की चालीसा का पाठ करने के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी चालीसा का पाठ
दोहा
जय कात्यायनी माँ, जय महिषासुर मारिणी।
सुर नर मुनि आराधित, जय मंगल करिणी॥
चौपाई
जय जय अंबे जय कात्यायनी।
जय महिषासुर घातिनी दानी॥
ब्रह्मा, विष्णु, शिव जी ध्यावैं।
शक्ति शक्ति सब जगत बनावैं॥
रक्तदंतिका और अन्नपूर्णा।
माँ कात्यायनी हैं सम्पूर्णा॥
कात्यायन ऋषि मुनि के आश्रय।
कात्यायनी मां सबके बासय॥
भय, संकट हरिणी तुही माता।
भक्तों के दुःख हरती आपा॥
जो कोई तुझको शरण में आवे।
मनवांछित फल वह नर पावे॥
ध्यान धार जो कोई नारी।
कात्यायनी पूर्ण सुखकारी॥
कुमारी पूजा जो नित ध्यावे।
अविवाहित जीवन न बितावे॥
हर युग में माँ तू सहाय।
जो भी भक्त करें मन लाय॥
कात्यायनी माँ तेरी महिमा।
सतयुग त्रेता हो या द्वापर॥
सिंह सवारी मां भवानी।
जय जय जय अंबे भवानी॥
Advertisement
मां कात्यायनी की चालीसा का पाठ करने का महत्व
शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की चालीसा का पाठ करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती हो सकती है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है। इसके अलावा अगर मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो इस दिन पूजा-पाठ करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। यह चालीसा विशेष रूप से विवाह योग्य कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत फलदायी मानी जाती है। इसके नियमित और सच्चे मन से पाठ करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और योग्य जीवनसाथी प्राप्त करने का आशीर्वाद मिलता है। मां कात्यायनी को दुष्ट राक्षसों का संहार करने वाली देवी कहा जाता है। चालीसा का पाठ करने से साधक को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और सभी प्रकार के भय तथा संकटों से मुक्ति मिलती है।
Advertisement
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 27 September 2025 at 07:51 IST