Published 07:02 IST, October 11th 2024
Navratri Day 9: नौवें दिन इस शुभ मुहूर्त में करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानिए भोग और पूजन विधि
Maa Siddhidatri Puja: शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा किए जाने का विधान है। आप इस मुहूर्त में आज मां सिद्धिदात्री की पूजा कर सकते हैं।
Shardiya Navratri 2024 Day 9: शारदीय नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। जिसके अनुसार नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा किए जाने का विधान है। इस दिन भक्त मां सिद्धिदात्री की पूजा कर कन्या पूजन करने के बाद नवरात्रि उत्सव का समापन करते हैं।
माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों के सभी दुख-कष्टों का नाश कर उनके जीवन को खुशियों से भर देती हैं। मां सिद्धिदात्री को सच्चे मन से याद करने पर माता भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं। ऐसे में अगर आप भी मां सिद्धिदात्री की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको आज नवमी तिथि के दिन शुभ मुहूर्त में सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा।
मां सिद्धिदात्री की पूजा का मुहूर्त (Maa Siddhidatri Puja Muhurat)
नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के स्वरूप यानी कि मां सिद्धिदात्री का संध्या पूजन मुहूर्त 11 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 11 मिनट से 6 बजकर 7 मिनट होगा। इसके अलावा, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो चुका है। वहीं आप अभिजीत मुहूर्त में यानी सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर भी देवी की पूजा कर सकते हैं।
मां सिद्धिदात्री का प्रिय भोग (Maa Siddhidatri Bhog)
नौवें दिन पूजा के समय मां सिद्धिदात्री को नारियल, हलवा, पूड़ी, चना, खीर का भोग लगाना अति शुभ माना जाता है। इसलिए माता को इसका भोग अवश्य लगाएं।
मां सिद्धिदात्री पूजा विधि (Maa Siddhidatri Puja Vidhi)
- नवरात्रि के नौवें दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि सम्पन्न करें।
- इसके बाद लाल या पीले रंग के स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- अब मंदिर में मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या तस्वीर लगाकर उनकी पूजा आरंभ करें।
- मां सिद्धिदात्री को रोली कुमकुम लगाकर, लाल चुनरी, अक्षत्, फूल, माला, सिंदूर, फल, नारियल, आदि अर्पित करें।
- मां के आगे घी का दीपक जलाकर पूजा मंत्र पढ़ें और उन्हें हलवा, पूड़ी, चना, खीर का भोग लगाएं।
- इसके बाद मां सिद्धिदात्री की कथा पढ़ें और आरती करें।
- आखिर में मां सिद्धिदात्री से प्रार्थना करें और भूल-चूक की क्षमा याचना करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 07:02 IST, October 11th 2024