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Published 07:37 IST, October 9th 2024

Navratri 2024 Day 7: इस मुहूर्त में करें मां कालरात्रि की पूजा, नोट करें भोग, पूजा विधि और मंत्र

Maa Kalaratri Puja Vidhi : नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं देवी की पूजा किस मुहूर्त में की जानी चाहिए।

Maa Kalratri
मां कालरात्रि | Image: shutterstock

Shardiya Navratri 2024 Day 7: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के सातवें दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कालरात्रि (Maa Kalaratri) की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि को दुष्टों का विनाश कर भक्तों की रक्षा करने के लिए जाना जाता है। मान्यता के अनुसार, अगर आप मां कालरात्रि की पूजा पूरे विधि विधान से करते हैं तो मां सभी कष्टों का नाश कर आपके जीवन को खुशियों से भर देती हैं।

आइए जानते हैं कि मां को प्रसन्न करने के लिए आप किस मुहूर्त में और  किस तरह से उनकी पूजा कर सकते हैं। साथ ही जानते हैं कि आप देवी के किन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

मां कालरात्रि की पूजा का मुहूर्त (Maa Kalratri Puja Muhurat)

पंचांग के अनुसार भक्त मां कालरात्रि की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक कर सकते हैं। गोधूलि मुहूर्त में पूजा के लिए शाम 06 बजकर 02 मिनट से 06 बजकर 27 मिनट तक का समय सबसे शुभ होगा। इसके अलावा निशिता मुहूर्त में आप रात 11 बजकर 45 मिनट से 10 अक्टूबर रात 12 बजकर 34 मिनट तक मां की पूजा कर सकते हैं।

मां कालरात्रि का प्रिय भोग (Maa Kalratri Bhog)

सातवें दिन पूजा के समय मां कालरात्रि को गुड़ या शहद का भोग लगाना अति शुभ माना जाता है। इसलिए माता को इसका भोग अवश्य लगाएं। इससे मां प्रसन्न होकर व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी करती हैं। आप गुड़ के अलावा माता को मेवे, खीर आदि का भी भोग लगा सकते हैं।

मां कालरात्रि पूजा विधि (Maa Kalaratri Puja Vidhi)

  • नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वस्छ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद मंदिर के पास आसन बिछाएं और उसपर बैठकर मां कालरात्रि का ध्यान करें।
  • पूजा के लिए लाल रंग के पुष्प लेकर देवी कालरात्रि का आह्वान करें।
  • इसके बाद देवी कालरात्रि को अक्षत, धूप, रोली, कुमकुम आदि अर्पित करें।
  • अब मां के सामने घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करें।
  • इसके बाद माता को गुड़ के हलवे या गुड़ का भोग लगाएं।
  • इसके बाद मां कालरात्रि की तस्वीर अथवा मूर्ति के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें।  

मां कालरात्रि मंत्र जाप (Maa Kalratri Mantra)

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।
ॐ कालरात्र्यै नम:।
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।
 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Updated 07:37 IST, October 9th 2024