अपडेटेड 29 March 2025 at 07:10 IST

Shani Amavasya 2025: आज शनि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया, जानिए तर्पण का समय और विधि

Shani Amavasya 2025: शनि अमावस्या के मौके पर सूर्य ग्रहण लग रहा है। ऐसे में जानते हैं पितरों को तर्पण देने का समय क्या रहेगा।

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Margashirsha Amavasya
शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण | Image: freepik

Shani Amavasya 2025: हिंदू धर्म में चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का बेहद खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान कर महादेव की पूजा करने से साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस साल चैत्र अमावस्या शनिवार, 29 मार्च को मनाई जा रही है। शनिवार का दिन होने के कारण इसे शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2025) भी कहा जा रहा है।

खास बात यहा है कि शनि अमावस्या होने के साथ-साथ सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। यानी कि आज सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) के साए में शनि अमावस्या मनाई जाने वाली है। हालांकि भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, जिस कारण इसका सूतक काल भी यहां मान्य नहीं होगा। ऐसे में आप आज के दिन भोलेनाथ की पूजा, गंगा स्नान करने के साथ-साथ पितरों का तर्पण भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं पितरों के तर्पण के लिए सही समय क्या रहेगा।

पितरों के तर्पण का समय (Pitru Tarpan Ka Samay)

सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के पूजा-पाठ व शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। इसलिए जिस वक्त सूर्य ग्रहण लगेगा उस वक्त पितरों का तर्पण करना भी अशुभ माना जाएगा। लिहाजा आप सूर्य ग्रहण लगने से पहले पितरों का तर्पण कर सकते हैं। शनिवार, 29 मार्च को यानी शनि अमवस्या के दिन सूर्य ग्रहण की अवधि दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहने वाली है। इसलिए आप इससे पहले पितरों का तर्पण कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि पितरों के तर्पण के समय आपको किस विधि का इस्तेमाल करना चाहिए।

तर्पण की विधि (Tarpan Vidhi)

  • शनि अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • इसके बाद एक लोटे में जल लेकर उसमें काला तिल और फूल डालें लें और हाथ में थोड़ी-सी कुश लेकर पितरों का ध्यान करें।
  • इस दौरान अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें और धीरे-धीरे अपने अंगूठे का इस्तेमाल करते हुए पितरों को जल अर्पित करें।
  • साथ ही पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। आप इस दिन पर मंत्र व पितृ चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
  • पितरों का तर्पण करने के बाद इस दिन गरीबों को जरूरत की चीजों का दान जरूर करें।

तर्पण के मंत्रल (Pitru Tarpan Ke Mantra)

  • ॐ पितृ देवतायै नम:।
  • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
  • ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
  • ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 29 March 2025 at 07:10 IST