अपडेटेड 13 October 2024 at 20:40 IST

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर भद्रा का साया, इन 12 नामों से करें व्रत शुरू; पति पर नहीं आएगी आंच

Karwa Chauth 2024: इस साल करवा चौथ पर भद्रा का साया मंडरा रहा है ऐसे में महिलाओं को 12 नामों के साथ व्रत की शुरुआत करनी चाहिए।

Karwa Chauth 2024
करवा चौथ भद्रा उपाय | Image: Shutterstock

Karwa Chauth Bhadra Upay: हिंदू धर्म के कुछ महत्वपूर्ण त्योहारो की लिस्ट में एक नाम करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) का भी शामिल है, जो सुहागिन महिलाएं बड़े ही हर्षोल्लास के साथ हर साल पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए रखती हैं। पूरे साल महिलाएं इस खास दिन का बेसब्री से इंतजार करती हैं, लेकिन इस बार करवा चौथ पर भद्रा का साया (Bhadra) मंडरा रहा है। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल के जरिए कुछ नामों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप इस व्रत की शुरुआत कर सकती हैं और भद्रा की आंच पति का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगी। तो चलिए जानते हैं करवा चौथ कब है (Karwa Chauth 2024 Kab Hai) और इसकी शुरुआत किन नामों से करना है।

हर साल करवा चौथ (Karwa Chauth Bhadra Upay) का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखा जाता है। इस साल इस तिथि की शुरुआत रविवार 20 अक्टूबर, 2024 की सुबह 6 बजकर 46 मिनट से हो रही है, जिसका समापन अगले दिन यानी सोमवार 21 अक्टूबर, 2024 की सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में इस बार करवा चौथ (Karwa Chauth Kab Hai) का व्रत 20 अक्टूबर दिन रविवार को रखा जाएगा।

करवा चौथ पर कितने बजे से कितने बजे तक हैं भद्रा? (Karwa Chauth Bhadra time)

सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाने वाला करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) के पर्व पर भद्रा का साया है। पंचांग के मुताबिक करवा चौथ के दिन भद्रा सुबह 6 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 46 मिनट तक है। हालांकि करवा चौथ पर भद्रा की कुल अवधि 21 मिनट की है, लेकिन यह व्रत के शुरुआत में ही है। ऐसे में इस दिन 12 नामों को लेने के बाद ही करवा चौथ व्रत की शुरुआत करें। ऐसा करने पर भद्रा की आंच पति पर नहीं पड़ेगी। आइए उन नामों के बारे में जानते हैं।

करवा चौथ पर इन 12 नामों के साथ करें व्रत की शुरुआत (Karwa Chauth Bhadra Upay)

इस साल करवा चौथ (Karwa Chauth Vrat) का व्रत रखने वाली सभी सुहागिन महिलाओं को इन 12 नामों को लेकर ही व्रत की शुरुआत करनी चाहिए। इसमें धन्या, महारुद्रा, कुलपुत्रिका, दधीमुखी, खरानना, भैरवी, महाकाली, असुरक्षयकाली, भद्र, महामारी, विष्टि, कालरात्रि नाम शामिल है।

Advertisement

यह भी पढ़ें… Vijayadashami-Dussehra: क्या आपको भी लगता है विजयदशमी और दशहरा एक हैं? जान लें दोनों के बीच का अंतर

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 13 October 2024 at 20:40 IST