अपडेटेड 7 July 2024 at 08:17 IST

Sawan 2024: सावन के पहले सोमवार को जल चढ़ाते वक्त बोलें ये मंत्र, शिवजी होंगे खुश

Sawan 2024: सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है। ऐसे में यहां दिए गए मंत्रों का उच्चारण कर आप भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं।

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सावन के पहले सोमवार को जल चढ़ाते वक्त बोलें ये मंत्र | Image: shutterstock

Sawan 2024: हिंदु मान्यताओं में भगवान शिव को संसार का पालनहार और संचालक माना जाता है। ऐसे में लोग उनकी पूजा आराधना कर अपने कष्टों को दूर करने की इच्छा प्रकट करते हैं। सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना जोरों-शोरों से की जाती है। मान्यता है कि इस महीने भगवान शिव अपने भक्तों के कष्ट हरते हैं और उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। इस साल सावन का त्यौहार 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। वहीं इसका समापन 19 अगस्त को होगा। 

सावन के पहले सोमवार के दिन यदि आप भगवान शिव की स्तुति या उन्हें खुश करना चाहते हैं तो आप कुछ मंत्रों का इस्तेमाल करके कर सकते हैं। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि भगवान शिव को जल चढ़ाते वक्त क्या बोलें, जिससे वे आपके कष्टों को हर सकते हैं। पढ़ते हैं आगे…

शिवजी को जल चढ़ाते वक्त बोलें ये मंत्र

1 - शिव आरोग्य मंत्र

माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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2 - शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र

मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम् ।
तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥

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श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।

भगवान शिव को जल अर्पित करते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करते हैं तो मानता है कि इस मंत्र से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं

3 - मूल मंत्र

ॐ नमः शिवाय

4 - महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

5 - शिव शक्तिशाली मंत्र

ऐं ह्रीं श्रीं 'ऊँ नम: शिवाय:' श्रीं ह्रीं ऐं।

ऊँ हौं जूं स:

6 - अन्य मंत्र

ॐ अघोराय नम: ।
ॐ शर्वाय नम: ।
ॐ विरूपाक्षाय नम: ।
ॐ विश्वरूपिणे नम: ।
ॐ त्र्यम्बकाय नम:।
ॐ कपर्दिने नम: ।
ॐ भैरवाय नम: ।
ॐ शूलपाणये नम:।
ॐ ईशानाय नम: ।
ॐ महेश्वराय नम:।
ॐ ऊर्ध्व भू फट् ।
ॐ नमः शिवाय ।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा ।
ॐ इं क्षं मं औं अं ।
ॐ प्रौं ह्रीं ठः ।
ॐ नमो नीलकण्ठाय ।
ॐ पार्वतीपतये नमः ।
ॐ पशुपतये नम: ।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 7 July 2024 at 08:17 IST