अपडेटेड 11 November 2024 at 22:23 IST
Devuthani Ekadashi पर करें तुलसी नामाष्टकम स्त्रोत का पाठ, सूनी गोद भरने के साथ- शीघ्र होगा विवाह!
Devuthani Ekadashi के दिन तुलसी जी की पूजा के साथ-साथ नामाष्टकम स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को कई परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
- धर्म और अध्यात्म
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Tulsi Namashtakam Strot On Devuthani Ekadashi : हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का महत्व बहुत ही अधिक माना जाता है, वहीं अगर बात देवउठनी एकादशी की हो, तो इसका महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। क्योंकि इस दिन जगत के पालन हार श्री हरि विष्णु चार महीनों की योग निद्रा से उठते हैं। इसलिए इस एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है और इस दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण भी माना जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता तुलसी की भी विधिवत पूजा अर्चना की जाती है।
ऐसी मान्यता है कि विष्णु भगवान की पूजा तुलसी पूजा के बिना अधूरी होती है। वहीं देवउठनी एकादशी पर अगर आप तुलसी नामाष्टम स्त्रोत का पाठ करते हैं, तो आपके जीवन की कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। इस पाठ से महिला की सूनी गोद भरने से लेकर शीघ्र विवाह के योग तक कई फायदे होते हैं, तो चलिए इस पाठ के बारे में जानते हैं।
क्या होता है तुलसी नामाष्टकम स्त्रोत पाठ?
आपको बता दें कि तुलसी नामाष्टकम स्त्रोत पाठ एक पवित्र और महत्वपूर्ण स्त्रोत है, जिसमें भगवान श्री हरि विष्णु के साथ माता तुलसी के आठ नामों का जाप किया जाता है। आइए तुलसी जी के उन नामों के बारे में जानें...
तुलसी नामाष्टकम स्त्रोत पाठ
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तुलसी त्वम् श्यामला कमला नयना
तुलसी त्वम् वृन्दावनी शोभना
तुलसी त्वम् हरि प्रिया तनया
तुलसी त्वम् पापनाशिनी
तुलसी त्वम् सूरसेना पुरपते
तुलसी त्वम् कृष्णप्रिया तनया
तुलसी त्वम् राधिका समाना
तुलसी त्वम् गौरी नंदिनी
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तुलसी त्वम् व्रजजनरंजनी
तुलसी त्वम् हरि दासी भूता
तुलसी त्वम् मोक्षदायिनी
तुलसी त्वम् शरणागतानाम्
तुलसी त्वम् प्राणरक्षिणी
तुलसी त्वम् सर्वसिद्धिदायिनी
तुलसी त्वम् वासुदेवप्रिया
तुलसी त्वम् मे हृदयेश्वरी
तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
इति तुलसी नामाष्टकम् का क्या है महत्व?
इस स्त्रोत के पाठ से भगवान श्री हरि विष्णु के साथ-साथ माता तुलसी और मां लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं यह व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 11 November 2024 at 22:23 IST