अपडेटेड 22 January 2024 at 06:15 IST
जब लक्ष्मण करने लगे माता कैकेयी की निंदा, भगवान राम ने ऐसी दी सीख... वाल्मीकि रामायण का वो अहम संवाद
Ramlala Pran Pratishta: वाल्मीकि रामायण में लक्ष्मण कहते हैं- जिस के पति राजा दशरथ हों और पुत्र भरत सरीखा हो वहां कैकेयी बुरे स्वभाव वाली क्यों हो गई?
- धर्म और अध्यात्म
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Ramlala Pran Pratishta update : 5 सदी के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में सनातन धर्म का नया इतिहास लिखा जा रहा है। 500 सालों के बाद करोड़ों सनातनियों का सपना सच होने जा रहा है। भव्य और दिव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की वापसी हर सनातनी के लिए गौरवान्वित करने वाला पल है। इस मंगल घड़ी पर अयोध्या की भव्य सजावट की गई है, एक नजर में ऐसा लगता है कि मानों त्रेतायुग वापस आ गया है।
भगवान राम ने अपना पूरा जीवन धर्म के रास्ते पर बिताया उनके लिए न्याय सबसे प्रिय था। वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayana) में राम और लक्ष्मण का एक संवाद आता है। जिसमें गुस्से से लाल लक्ष्मण माता कैकेयी की निंदा करने लगते हैं, लेकिन राम अपने अनुज को तुरंत ही रोक देते हैं।
वाल्मीकि रामायण में राम-लक्ष्मण संवाद
वाल्मीकि रामायण के अनुसार भरत ने समस्त वस्तुओं के भोग को त्यागकर केवल राम का आश्रय लिया है। भरत ने अपनी तपस्या के प्रभाव से स्वर्ग को जीत लिया है। इसके बाद भी भरत अपने बड़े भाई राम के इंतजार में हैं। भरत अपने पिता के गुणों के अतिकूल कभी नहीं चलते, लेकिन माता के स्वभाव के सदेव प्रतिकूल ही रहते हैं। उन्होंने अपनी माता के गुणों को त्यागकर, पिता के गुणों को अपनाया है।
लक्ष्मण करने लगे माता कैकेयी की निंदा
वाल्मीकि रामायण में लक्ष्मण कहते हैं- ईश्वर जाने कि जिस के पति राजा दशरथ हों और पुत्र भरत सरीखा हो वहां कैकेयी बुरे स्वभाव वाली क्यों हो गई? इस तरह लक्ष्मण माता कैकेयी की निंदा करने लगते हैं। इतना सुनते ही भगवान राम अपने छोटे भाई का विरोध करते हुए कहते हैं-
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लक्ष्मण! तुम्हें माता कैकेयी की निन्दा कभी नहीं करनी चाहिए। वनवास की अवधि समाप्त करने के लिए मेरा मन दृढ़ है। केवल भरत के स्नेह का स्मरण करके ही मेरा मन व्याकुल हो जाता है। मैं भरत के अमृत तुल्य शब्दों को बार-बार याद करता हूं।
इसके बाद राम कहते हैं- भरत मैं तुम्हें और शत्रुघ्न को कब देख सकूंगा। वह दिन कब आएगा जब हम चारों भाई एक साथ मिल सकेंगे? अपने भाईयों को याद कर भगवान राम भावुक हो जाते हैं।
22 जनवरी को अतिथियों का स्वागत
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए खास तैयारी की गई है। अयोध्या में अतिथियों के स्वागत के लिए भी खास इंतजामात किए गए हैं। प्रशासन ने एयरपोर्ट से लेकर जन्मभूमि तक अतिथियों के विशेष स्वागत सत्कार की व्यवस्था की गई है। अलग-अलग राज्यों के गीत और नृत्य कार्यक्रम हो रहे है। अयोध्या में जगह-जगह रंगोली बनाई गई है, प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम नगरी में अतिथि पहुंचना शुरू हो चुके हैं।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 21 January 2024 at 18:28 IST