अपडेटेड 19 January 2024 at 17:42 IST
22 को अयोध्या राम मंदिर में सिर्फ निमंत्रण पत्र दिखाने से नहीं मिलेगी एंट्री, ट्रस्ट ने बताया तरीका
राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने जानकारी दी है कि राम मंदिर में आमंत्रित लोगों को सिर्फ निमंत्रण पत्र से एंट्री नहीं मिलेगी। उनके लिए एक एंट्री पास जारी किया गया है।
- धर्म और अध्यात्म
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Ram Mandir Entry Pass: रामनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। 2 दिन के बाद भगवान राम अपने घर में विराजमान होने जा रहे हैं। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है और इसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भी अपने स्तर पर हर तैयारी कर चुका है। प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में आमंत्रित महानुभावों के लिए भी राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने एक विशेष कार्ड जारी किया है, जिसके जरिए ही रामभक्तों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति होगी।
22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से हजारों लोगों को आमंत्रित किया गया है। इन लोगों में शंकराचार्य, साधु-संत, हिंदू संगठनों से जुड़े लोग, राजनीतिक पार्टियों के नेता, राज्य और केंद्र सरकार के मंत्री भी शामिल हैं। हालांकि ट्रस्ट की तरफ से ताजा जानकारी दी गई है कि आमंत्रित महानुभावों को सिर्फ निमंत्रण कार्ड दिखाने से ही राम मंदिर कार्यक्रम में अनुमति नहीं मिलेगी।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने जारी किया एंट्री पास
ट्रस्ट की तरफ से एक नया एंट्री पास जारी किया गया है, जिसमें क्यूआर कोड भी है। आमंत्रित महानुभावों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए एंट्री पास के क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद प्रवेश की अनुमति होगी। ट्रस्ट की तरफ से कहा गया है, 'अकेले निमंत्रण कार्ड उत्सव में प्रवेश की गारंटी नहीं देता है।'
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प्राण प्रतिष्ठा में कौन-कौन होंगे अतिथि?
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुताबिक, समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन 121 आचार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत कार्यक्रम में मौजूद होंगे। प्रधानमंत्री मोदी यहां मुख्य यजमान के रूप में होंगे।
भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया गया है।
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मंदिर के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा होने के बाद सभी महानुभावों को रामलला के दर्शन कराए जाएंगे। फिलहाल रामनगरी अयोध्या में राम नाम की गूंज है। अयोध्या अलावा पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का भी संकल्प किया गया है।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 19 January 2024 at 17:29 IST