अपडेटेड 23 July 2025 at 16:13 IST
Premanand Maharaj: 'व्रत का मतलब जानबूझ कर कष्ट सहना, ये नहीं है कि साबूदाना की खीर...', प्रेमानंद महाराज ने बताया उपवास में क्या करना चाहिए
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने प्रश्न पूछा कि व्रत में कुटू की पकौड़ी, समा के चावल या अन्य कुछ खाना कितना सही है? आईए जानते हैं प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
- धर्म और अध्यात्म
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Premanand Maharaj: हिंदू धर्म में पूजा पाठ का जितना महत्व है उतना ही महत्व व्रत का भी माना जाता है। मान्यता है कि किसी विशेष देवी या देवता से जुड़े व्रत को रखकर हम मनचाहा वरदान पा सकते हैं। तीज त्योहार से जुड़े कई ऐसे व्रत होते हैं जिनके अलग-अलग नियम होते हैं, नियमों को न मानने पर या व्रत टूट भी सकते हैं।
सावन का पवित्र महीना चल रहा है भगवान भोले के भक्त अपने आराध्य के लिए सोमवार और शिवरात्रि के दिन व्रत रखते हैं जिससे वह अपने आराध्य को मना सके और उनकी आराधना कर सकें। वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने प्रश्न पूछा कि व्रत में कुटू की पकौड़ी, समा के चावल या अन्य कुछ खाना कितना सही है? आईए जानते हैं प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
अपने आराध्य देव की प्रसन्नता के लिए कष्ट सहना- प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज ने कहा उपवास किस लिए किया जाता है, अपने आराध्य देव की प्रसन्नता के लिए जानबूझकर कष्ट सह जाता है। प्राणों को जब आहार नहीं मिलेगा तो प्राण व्याकुल होंगे, उस व्याकुलता में हम और भजन करेंगे और वह दुख सहित भजन प्रभु के चरणों में अर्पित करेंगे।
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प्रेमानंद महाराज महाराज ने बताया कि व्रत का मतलब
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि व्रत का मतलब यह नहीं होता कि कुटू की पकौड़ी, समा के चावल की खीर, सिंघाड़े का हलवा, आज व्रत है और साबूदाने के खीर, यह सब व्रत का मतलब नहीं होता है। एक दिन में मर नहीं जाओगे, थोड़ा जल ले लो, 24 घंटे में कभी बहुत ज्यादा इच्छा प्रबल हुई तो एक फल ले लिया, जो व्रत के खाने योग्य है, अगर नहीं भी लोगे तो जल से काम चल जाएगा। कितने सौभाग्यशाली लोग तो जल भी नहीं लेते। वह स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। प्रभु के लिए दुख पूर्वक भजन करके, व्रत का मतलब दुख पूर्वक जानबूझकर के भूख प्यार प्यास सहित दुःख सहकर के खूब नाम जप करके अपने प्रभु को समर्पित करेंगे। यही व्रत है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 23 July 2025 at 16:13 IST