अपडेटेड 20 February 2024 at 09:03 IST

Pradosh Vrat 2024: कल रखा जाएगा प्रदोष व्रत, इन मंत्रों का करें जाप, चमक जाएगा भाग्य

Pradosh Vrat 2024: कल इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। ऐसे में आपको इस दिन कुछ मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।

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प्रदोष व्रत 2024 | Image: shutterstock

Pradosh Vrat Mantra: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस महीने का पहला प्रदोष व्रत 7 फरवरी को रखा गया था जिसके बाद महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत के दौरान मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन पूरे श्रद्धाभाव से भगवान शिव की पूजा की जाए तो भगवान भक्त को आरोग्य होने का वरदान देते हैं। इतना ही नहीं वह व्यक्ति के जीवन के सभी दुख और कष्टों का नाश भी कर देते हैं।

ऐसे में अगर आप भी प्रदोष व्रत करके अपनी किस्मत को चमकामना चाहते हैं तो आपको इस व्रत के दौरान कुछ खास मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त और इस दिन किए जाने वाले मंत्रों के जाप के बारे में।

प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी माह का दूसरा व्रत 21 तारीख को रखा जाएगा। ऐसे में इस व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 21 फरवरी की शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात 8 बजकर 53 मिनट के बीच रहेगा। अब चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना लाभकारी होता है इसलिए ये समय पूजा के लिए सबसे सही रहेगा।

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प्रदोष व्रत में जरूर करें इन मंत्रों का जाप

शिव स्तुति मंत्र

द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।

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उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

शिव प्रार्थना मंत्र

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव गायत्री मंत्र

ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

शिव आरोग्य मंत्र

माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।

आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।

ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 20 February 2024 at 07:24 IST