अपडेटेड 19 June 2024 at 10:16 IST

Budh Pradosh Vrat 2024: बुध प्रदोष व्रत आज, जानिए शिवजी की पूजा का शुभ मुहूर्त और सही पूजन विधि

Budh Pradosh Vrat: अगर आपने भी प्रदोष व्रत रखा है तो आपको महादेव की उपासना के शुभ मुहू्र्त और पूजा विधि के बारे में जान लेना चाहिए।

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Mahashivratri
प्रदोष व्रत 2024 | Image: देव_प्रेरणा फेसबुक

Pradosh Vrat Puja Muhurat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बेहद खास महत्व है। हर महीने दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं, जिनमें एक प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं आज यानी बुधवार, 19 जून को ज्येष्ठ मास का दूसरा प्रदोष व्रत है। बुधवार होने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है।

मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन और विधि-विधान से प्रदोष व्रत के साथ-साथ भगवान शिव की उपासना और पूजा करता है उसे प्रभु प्रसन्न होकर अपना सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस व्रत को करने से महादेव अपने भक्त के जीवन की समस्त समस्याओं का निवारण कर उस पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

बुध प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Muhurat)

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 जून को सुबह 7 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी जिसका समापन 20 जून को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में 19 जून यानी आज प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। वहीं, पूजा मुहूर्त की बात करें तो आज प्रदोष पूजा मुहूर्त शाम 07 बजकर 29 मिनट से रात 09 बजकर 30 मिनट तक है। इस दौरान आप शिवजी की पूजा कर सकते हैं।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi)

  • शाम के समय पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • फिर भगवान शिव और माता पार्वती समेत उनके पूरे परिवार और अन्य देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें।
  • इसके बाद संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं।
  • अब शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
  • इस दौरान शिवजी को चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, दूध, गंगाजल इत्यादि अर्पित करें।
  • भगवान को साबूदाने की खीर का भोग लगाएं।
  • पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
  • इसके बाद घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें।
  • आखिर में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद भगवान से क्षमा आदि मांगकर जो भी विनती आपको करनी है वह करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 19 June 2024 at 07:51 IST