अपडेटेड 12 September 2025 at 17:19 IST

Pitru Paksha Mistakes: तस्वीर किस दिशा में रखें? ज्योतिष ने बताया श्राद्धकर्म करते समय इन बातों का रखें ख्याल वरना पितृ हो जाएंगे नाराज

पितृ पक्ष के दौरान परिवार अपने पूर्वजों को याद करके उन्हें तर्पण, श्राद्ध और भोजन अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान पितरों को प्रसन्न करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

pitru paksha where to place photograph of ancestors also keep these things in mind while performing Shradh rituals
pitru paksha where to place photograph of ancestors also keep these things in mind while performing Shradh rituals | Image: Freepik

इन दिनों श्राद्ध चल रहे हैं। श्राद्ध अपने पूर्वजों को यह बताने का एक तरीका है कि बेशक वे शरीर के तौर पर नहीं हैं मगर वह अभी भी परिवार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं।

सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, अपने पूवर्ज का श्राद्ध  करते समय यह बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए कि श्राद्ध कभी भी कलह या जल्दबाजी में नहीं किए जाने चाहिएं। कलह के माहौल में या रघर में बुलाए पुरोहित को जल्दी मंत्र पढ़ने को कहने पर श्राद्ध कर्म का उल्टा असर होता है। इससे पितर रुष्ट हो जाते हैं और श्राद्ध कर्म का प्रतिफल उल्टा हो सकता है। जिन लोगों को अपने मृत पूर्वज के श्राद्ध के दिन का पता नहीं है, वे श्राद्ध के अंतिम दिन सर्व पितृ अमावस्या पर ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं।

किस दिशा में रखें पितरों की तस्वीर?

घर या प्रतिष्ठानों में पितरों की तस्वीर हमेशा उत्तर दिशा की तरफ लगानी चाहिए। साथ ही पितरों का मुंह दक्षिण दिशा में होना चाहिए। वहीं बेडरूम या फिर ड्राइंग रूम में पितरों की फोटो नहीं लगानी चाहिए। इस जगह पर पितरों की फोटो रखने से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें के घर में एक से अधिक पितरों की फोटो नहीं लगानी चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि पितरों की तस्वीर को कभी भी दीवार पर लटका कर नहीं रखना चाहिए। उनकी तस्वीर को लकड़ी के स्टैंड रखा जाना चाहिए। साथ ही घर के मंदिर या रसोई घर में भी पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।

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श्राद्धकाल में इन बातों का रखें ख्याल 

  • अगर आप नशा करते हैं तो श्राद्धकाल के दौरान हर तरह के नशीले पदार्थों के सेवन से दूरी बनानी चाहिए। 
  • पितृ पक्ष के दिनों में शरीर पर तेल, सोना, इत्र का प्रयोग नहीं करना है। हो सके तो साबुन भी नहीं लगाना है।
  • हिंदू धर्म के अनुसार, पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए। घर के मुखिया या प्रथमपुरुष अपने पितरों का श्राद्ध कर सकता है। 
  • अगर मुखिया नहीं है, तो घर का कोई अन्य पुरुष अपने पितरों को जल चढ़ा सकता है। इसके अलावा पुत्र औरनाती भी तर्पण कर सकता है। 
  • श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करना चाहिए। श्राद्ध के लिए आवश्यक सामग्री में गंगाजल,शहद, दूध, सफेद वस्त्र, तिल मुख्य है।
  • पितृपक्ष में काले तिल, गुड़, अन्न, नमक, जूते और चप्पल का दान करना चाहिए।
  • श्राद्ध पक्ष में गाय दान करने से सुख-सम्पदा आती है जबकि बैल या सांड का दान करना उससे भी कहीं ज्यादा उत्तम है।
  • श्राद्ध के दिनों में गाय, कौआ, कुत्ता, चींटी को भोजन खिलाना चाहिए।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Samridhi Breja

पब्लिश्ड 12 September 2025 at 17:19 IST