अपडेटेड 8 September 2025 at 13:07 IST
Pitru Paksha Tarpan 2025: पितृ पक्ष में इस मुहूर्त में करें पितरों का तर्पण, जानें सही विधि, मंत्र और महत्व
Pitru Paksha Tarpan 2025 में पितरों को श्रद्धांजलि देने का महत्व जानें। यहां पढ़ें तर्पण करने की विधि, शुभ मुहूर्त, आवश्यक मंत्र और धार्मिक महत्व। सही तरीके से तर्पण करने से पितृ दोष का निवारण और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
- धर्म और अध्यात्म
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Pitru Paksha Tarpan 2025: हिंदू धर्म में पितृपक्ष पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि अपने पितरों का सही तिथि के अनुसार तर्पण करने से व्यक्ति को पितृदोष से छुटकारा मिल सकता है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
इसके अलावा अगर आपके काम बनते-बनते अटक रहे हैं तो ये पितृदोष के संकेत हो सकते हैं।
वहीं श्राद्ध का समापन 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा। अब ऐसे में पितरों का तर्पण किस मुहूर्त में और किस विधि से करें? साथ ही किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
पितरों का श्राद्ध घर पर कैसे करें?
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर घर में गंगाजल से छिड़काव करें।
- दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बाएं पैर को मोड़कर घूटने को जमीन पर टिकाते हुए बैठ जाएं।
- उसके बाद आप तांबे का बर्तन लेकर उसमें काले तिल, कच्चा दूध और गंगाजल डालें।
- फिर जल को दोनों हाथों में भरकर सीधे हाथ के अंगूठे से उसी बर्तन में गिराएं और इस दौरान अपने पितरों का तर्पण करें।
- इस दौरान आप अपना गोत्र मन में बोलें और कहें समस्त पितरों को मेरी तरफ से प्रणाम। आप ये जल स्वीकार करें।
- आप पितरों के मंत्रों का जाप जरूर करें।
- फिर पितरों के लिए भोजन तैयार करें और ब्राह्मण को घर पर बुलाएं, उनके पैर धोएं और भोजन कराएं।
- आप इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ब्राह्मण के भोजन से पहले गाय, कुत्ते, कौवे, देवता और चींटी के लिए भोजन अवश्य निकालें।
- आखिर में जरूरतमंदों को दान जरूर करें
पितृपक्ष में इस मुहूर्त में करें श्राद्ध
| पितृ पक्ष 2025 तिथि | श्राद्ध 2025 | कुतुप मूहूर्त | रौहिण मूहूर्त | अपराह्न काल |
| 8 सितंबर 2025, सोमवार | प्रतिपदा श्राद्ध | 11:53 AM से 12:44 PM | 12:44 से 01:34 PM | 01:34 से 04:04 PM |
| 9 सितंबर 2025, मंगलवार | द्वितीया श्राद्ध | 11:53 AM से 12:43 PM | 12:43 से 01:33 PM | 01:33 से 04:03 PM |
| 10 सितंबर 2025, बुधवार | तृतीया श्राद्ध | 11:53 AM से 12:43 PM | 12:43 से 01:33 PM | 01:33 से 04:02 PM |
| 10 सितंबर 2025, बुधवार | चतुर्थी श्राद्ध | 11:53 AM से 12:43 PM | 12:43 से 01:33 PM | 01:33 से 04:02 PM |
| 11 सितंबर 2025, गुरुवार | पंचमी श्राद्ध | 11:53 AM से 12:42 PM | 12:42 से 01:32 PM | 01:32 से 04:02 PM |
| 12 सितंबर 2025, शुक्रवार | षष्ठी श्राद्ध | 11:53 AM से 12:42 PM | 12:42 से 01:32 PM | 01:32 से 04:02 PM |
| 13 सितंबर 2025, शनिवार | सप्तमी श्राद्ध | 11:52 AM से 12:42 PM | 12:42 से 01:31 PM | 01:31 से 04:00 PM |
| 14 सितंबर 2025, रविवार | अष्टमी श्राद्ध | 11:52 AM से 12:41 PM | 12:41 से 01:31 PM | 01:31 से 03:59 PM |
| 15 सितंबर 2025, सोमवार | नवमी श्राद्ध | 11:51 AM से 12:41 PM | 12:41 से 01:30 PM | 01:30 से 03:58 PM |
| 16 सितंबर 2025, मंगलवार | दशमी श्राद्ध | 11:51 AM से 12:41 PM | 12:41 से 01:30 PM | 01:30 से 03:57 PM |
| 17 सितंबर 2025, बुधवार | एकादशी श्राद्ध | 11:51 AM से 12:41 PM | 12:41 से 01:30 PM | 01:30 से 03:56 PM |
| 18 सितंबर 2025, गुरुवार | द्वादशी श्राद्ध | 11:51 AM से 12:39 PM | 12:39 से 01:28 PM | 01:28 से 03:55 PM |
| 19 सितंबर 2025, शुक्रवार | त्रयोदशी श्राद्ध | 11:51 AM से 12:39 PM | 12:39 से 01:28 PM | 01:28 से 03:55 PM |
| 20 सितंबर 2025, शनिवार | चतुर्दशी श्राद्ध | 11:50 AM से 12:39 PM | 12:39 से 01:27 PM | 01:27 से 03:54 PM |
| 21 सितंबर 2025, रविवार | सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध | 11:51 AM से 12:38 PM | 12:38 से 01:27 PM | 01:27 से 03:53 PM |
पितरों का श्राद्ध करने के दौरान किस मंत्र का करें जाप?
- ऊं पितृ गणाय विद्महे जगत धारिणये धीमहि तन्नो पितृ प्रचोदयात्
- ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
- ऊं पितृ गणाय विद्महे जगत धारिणये धीमहि तन्नो पितृ प्रचोदयात्
- ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
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पितरों का श्राद्ध करने का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध करने से घर की सुख-शांति बनी रहती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 8 September 2025 at 13:01 IST