अपडेटेड 10 September 2025 at 21:37 IST

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष के दौरान बाल और नाखून काटने की मनाही क्यों? चौंकाने वाला रहस्य

पितृ पक्ष कोई सुख का त्योहार तो है नहीं इसलिए इन दिनों में दुख व्यक्त करने के लिए बाल और नाखून नहीं काटे जाते। बाल और नाखून न कटवाने से प्रतीत होता है कि हम शोक में हैं. यानि ये एक तरह से दुख व्यक्त करने का तरीका है।

cutting hair or nails in pitru paksha
पितृ पक्ष के दौरान बाल-नाखून काटने चाहिए या नहीं ? | Image: Freepik

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में बहुत विशेष महत्व माना जाता है, जो 7 सितंबर से शुरू हो गया है। 15 दिनों तक चलने वाली यह अवधि पितरों को समर्पित मानी गई है, इसलिए इस दौरान बहुत से नियमों का पालन किया जाता है। पितृ पक्ष के दौरान शादी, विवाह, सगाई, गृह प्रवेश और मुंडन जैसा कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। साथ ही, इस दौरान नई चीजें खरीदना और उनका इस्तेमाल करना वर्जित होता है। इसके अलावा, पितृ पक्ष में दाढ़ी, मूंछ और बाल काटने से परहेज भी किया जाता है।

दरअसल, पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) कोई सुख का त्योहार तो है नहीं इसलिए इन दिनों में दुख व्यक्त करने के लिए बाल और नाखून नहीं काटे जाते। बाल और नाखून न कटवाने से प्रतीत होता है कि हम शोक में हैं. यानि ये एक तरह से दुख व्यक्त करने का तरीका है। 

बाल और नाखून न काटने की वजह 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पितृ पक्ष के दौरान नाखून न काटने की परंपरा पूर्वजों के प्रति सम्मान और शोक दर्शाने के लिए अपनाई जाती है। श्राद्ध पक्ष (Pitru Paksha 2025) का वक्त आध्यात्मिक रूप से शुद्ध और सात्विक जीवन जीने का होता है।

शोक और श्रद्धा का प्रतीक

पितृ पक्ष पूर्वजों (Pitru Paksha 2025) को याद करने और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने की अवधि है, जिसमें बाहरी शारीरिक बदलावों से दूर रहकर मन को सात्विक रखना जरूरी होता है।

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क्या करें? 

अगर आप पितृ पक्ष के दौरान नाखून नहीं काटना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष शुरू होने से एक दिन पहले पूर्णिमा तिथि पर इन कामों से निवृत्त हो सकते हैं। वहीं, पितृ पक्ष समाप्त होने पर ही नाखून और बाल काटें। साथ ही इस दौरान दाढ़ी भी नहीं बनानी चाहिए। पितृ पक्ष के दौरान बाल और नाखून न काटने की परंपरा पूर्वजों के प्रति सम्मान और शोक दर्शाने के लिए अपनाई जाती है। इस दौरान आध्यात्मिक रूप से शुद्ध और सात्विक जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 10 September 2025 at 21:37 IST