Published 09:03 IST, September 22nd 2024
स्वर्ग में खाने के लिए क्यों तरसे कर्ण? धरती पर आए दोबारा
spiritual significance of Shradh? स्वर्ग में जाकर भी कर्ण को खाना नहीं मिला तो उन्होंने इंद्र से पूछा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है? पढ़ें पूरी कथा...
What is the significance of the Shraddha ceremony? महाभारत काल में कई ऐसे किस्से हैं, जिनको शायद लोगों ने सुना नहीं होगा। लेकिन उन्हीं में से एक किस्सा यह है जो कर्ण से जुड़ा है। इस किस्से के अनुसार, कर्ण को मरने के बाद दोबारा पृथ्वी पर आना पड़ा। जी हां, कर्ण को दोबारा धरती पर आना पड़ा और वो यहां 16 दिन रहे भी। ऐसे में इस कथा (Mahabharata Katha) के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि महाभारत में श्राद्ध का क्या (spiritual significance of Shradh) महत्व बताया है और कर्ण को क्यों दोबारा पृथ्वी पर आए। पढ़ते हैं आगे…
क्यों स्वर्ग से श्राद्ध करने दोबारा आए कर्ण?
महाभारत युद्ध के दौरान कर्ण की मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद कर्ण स्वर्ग पहुंचे पर वहां पर उन्हें केवल सोना ही मिला। किसी ने उन्हें खाने को नहीं दिया गया। वो आहार को तलाशते रहे पर उन्हें भोजन करने को नहीं मिला। जब उन्होंने इस विषय पर इंद्र से पूछा तो इंद्र ने कहा कि तुमने हमेशा सोना दान किया है परंतु कभी भी अपने पितरों को खाने के लिए अन्न नहीं दिया इसलिए तुम्हारे साथ ऐसा हो रहा है।
तब कर्ण ने कहा कि मुझे मेरे पूर्वजों का नहीं पता था कि कौन हैं। इसलिए मैं कभी उनके लिए कुछ नहीं कर पाया। तब इंद्र से कर्ण ने आग्रह किया कि उन्हें वो पृथ्वी लोक पर दोबारा वापस भेज दें। मैं अपने पितरों की संतुष्टि के लिए कुछ नियम करना चाहता हूं।
इंद्र ने दोबारा कर्ण को पृथ्वी लोक पर भेजा। तब कर्ण ने 16 दिन पितृपक्ष में अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध किया और उनको संतुष्ट किया। उनकी पूजा से पूर्वज प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद देने आए। तब इंद्र ने दोबारा क्रण को स्वर्ग बुला लिया।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Updated 11:25 IST, September 22nd 2024