अपडेटेड 21 July 2025 at 17:40 IST
Premanand Maharaj: जिसे जान से ज्यादा किया प्यार, उसी ने दिया धोखा फिर भी नहीं भूल पा रहे? प्रेमानंद जी महाराज ने दिया जवाब
Premanand Maharaj: एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि जिसे जान से ज्यादा किया प्यार, उसी ने दिया धोखा फिर भी नहीं भूल पा रहे? इससे कैसे बाहर निकले? आइए जानते हैं कि इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
- धर्म और अध्यात्म
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Premanand Maharaj: राधावल्लभ संप्रदाय के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के प्रवचन आज हर घर में गूंज रहे हैं। प्रेमानंद महाराज वृंदावन में बैठकर दुनिया भर में भक्ति मार्ग की लौ जलाए हुए हैं। आज लाखों की संख्या में युवा प्रेमानंद महाराज के पास पहुंच रहे हैं और अपने जीवन को आध्यात्मिक की ओर मोड़ रहे हैं। प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के माध्यम से युवाओं को आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रेमानंद महाराज के पास आते हैं, प्रेमानंद महाराज उनके प्रश्नों को सुनते हैं और आध्यात्मिक तरीके से उनका उत्तर देते हैं। महाराज के उत्तरों को पाकर भक्त प्रफुल्लित हो जाते हैं और जीवन को भक्ति में स्वरूप प्रदान करते हैं। ऐसे ही एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि जिसे जान से ज्यादा किया प्यार, उसी ने दिया धोखा फिर भी नहीं भूल पा रहे? इससे कैसे बाहर निकले? आइए जानते हैं कि इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
एक मात्र भगवान के चरणों से ही हमें शांति मिलेगी- प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि एक मात्र भगवान के चरणों से ही हमें शांति मिलेगी, वही हमारे हैं, बाकी सब छल हो रहा है। माया का पर्दा पहनकर हमारे साथ छल किया जा रहा है, हमारा समय नष्ट किया जा रहा है। सत्य बात यह है कि ना हम स्त्री हैं ना पुरुष हैं हम भगवान के अंश हैं, हम उनका भजन करने उनको प्राप्त हो जाएं यही हमारे जीवन का लक्ष्य है। हम तो कृपा मानते हैं कि जब भी प्रतिकूलता मिलती है, कोई अपना नहीं होता, नहीं तो इस मोह जाल में फंसकर पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती है। अब सावधान हो जाओ, अब निकल जाओ, पर इधर का रास्ता चलना थोड़ा कठिन है।
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भगवान का नाम परम कल्याणकारी है, नाम जप करो- प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि इसलिए कुछ भी हो जाए लोग फिर नया चुन लेते हैं, नया मित्र चुन लेते हैं, नया घर चुन लेते हैं, नया वर चुन लेते हैं, जो खोज अनंत जन्मों से कर रहे है उसी में ही लगे रहते हैं, वो ये नहीं समझ पा रहे हैं कि जो हमारे अंदर बैठा है वो कह रहा है लौट आओ, हम से मिल लो, लेकिन हम लोग बाहरी खोज कर रहे हैं। इसलिए भगवान के नाम का आश्रय लो, भगवत कीर्तन सुनो, धीरे-धीरे माया का प्रभाव कम हो जाएगी और शांति मिलेगा। भगवान का नाम परम कल्याणकारी है, उसी का जाप करो।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 21 July 2025 at 17:40 IST