अपडेटेड 22 August 2024 at 14:37 IST

Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर इस शुभ मुहूर्त में करें लड्डू गोपाल की पूजा, नोट करें विधि

Janmashtami 2024 Puja Muhurat: जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आप लड्डू गोपाल की पूजा कुछ इन शुभ मुहूर्त पर कर सकते हैं।

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जन्माष्टमी 2024 | Image: Freepik

Janmashtami 2024 Puja Muhurat: देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इश दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। वहीं, इस साल जन्माष्टमी का पावन पर्व सोमवार, 26 अगस्त को मनाया जाने वाला है। इस दिन भक्त भगवान कृष्ण की पूजा करने के साथ-साथ उनके लिए उपवास भी करते हैं।

ऐसे में अगर आप भी 26 अगस्त यानी जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण के लिए उपवास कर उनकी पूजा करने जा रहे हैं तो आपको इस दिन पूजा के शुभ मुहूर्त के साथ-साथ कृष्णजी की पूजन विधि भी नोट कर लेनी चाहिए। तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान की पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में।

जन्माष्टमी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2024 Puja Muhurat)

  • जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। जो कि सोमवार्, 26 अगस्त के दिन है। ऐसे में कृष्ण जी की पूजा के लिए सुबह 5 बजकर 56 मिनट से सुबह 7 बजकर 37 मिनट तक पूजा का उत्तम समय रहेगा। इस दौरान अमृत चौघड़िया मुहूर्त रहने वाला है।
  • इसके बाद शाम के समय लाभ और अमृत चौघड़िया पूजन का मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 49 मिनट तक कृष्ण पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा।
  • वहीं, आखिर में रात 12 बजकर 1 मिनट से रात 12 बजकर 45 मिनट तक निशीथ काल का समय भगवान कृष्ण की पूजा के लिए सबसे उत्तम रहेगा जो जन्माष्टमी पूजन के लिए सबसे सही मुहूर्त माना जाता है।

जन्माष्टमी पर पूजा का विधि (Janmashtami 2024 Puja Vidhi)

  • जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर व घर के मंदिर की साफ सफाई करें।
  • इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा जरूर करें।
  • लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।
  • श्रीकृष्ण समेत देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। धूप जलाएं और फल-फूल आदि चीजें अर्पित करें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं और उन्हें झूला अवश्य झुलाएं।
  • लड्डू गोपाल को मक्खन का भोग जरूर लगाएं।
  • इसके बाद रात के समय शुभ मुहूर्त पर कृष्णजी की पूजा अवश्य करें। बिना रात्रि पूजन के आपकी पूजा और व्रत दोनों ही पूरे नहीं माने जाएंगे।
  • रात की पूजा में लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।
  • उन्हें दूध, दही, मक्खन आदि से स्नान कराकर प्रसाद तैयार करें।
  • लड्डू गोपाल की आरती करें।
  • अंत में क्षमा व कामना की प्रार्थना करें और पूजा को सम्पन्न करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 22 August 2024 at 14:37 IST