अपडेटेड 17 June 2024 at 18:19 IST
Nirjala Ekadashi Niyam: निर्जला एकादशी व्रत का चाहिए पूरा फल? इन नियमों का करें पालन
निर्जला एकादशी व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे में अगर आप भी इस दिन व्रत रखने जा रहे हैं, तो पूजा का पूरा फल पाने के लिए इसके नियमों का पालन करें।
- धर्म और अध्यात्म
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Nirjala Ekadashi Vrat Me Pani Kab Pina Chahiye: भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस एक व्रत को सच्चे दिल और भक्ति भाव से करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैसे तो साल में 24 और हर महीने में 2 एकादशी व्रत पड़ता है और इन सभी के अपने अलग-अलग महत्व और नाम है। इन्हीं में से एक निर्जला एकाशी भी है, जो बाकी के मुकाबले बड़ी और बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। अगर आप भी इस व्रत को रखने जा रहे हैं, तो इसके कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है। वहीं कुछ बड़ी एकादशियों में से एक निर्जला एकादशी का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। अगर आप भी यह व्रत रखने जा रहे हैं, तो पूजा पाठ के साथ धार्मिक शास्त्रों में बताए गए इसके कुछ नियमों का पालन भी जरूर करें।
कब है निर्जला एकादशी व्रत?
सभी एकादशी व्रतों में सबसे ऊंचा दर्जा पाने वाली निर्जला एकादशी का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार यह तिथि 18 जून 2024 दिन मंगलवार को पड़ रहा है। ऐसे में इसी दिन व्रत रखा जाएगा।
निर्जला एकादशी व्रत का महत्व क्या है?
कहते हैं कि इस व्रत को करने से बाकी सभी एकादशियों का फल मिल जाता है और व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत को रखने से साधक की मनोकामनाएं भी पूरी होती है। ऐसे में इस व्रत में पूजा-पाठ के साथ नियमों का पालन करना भी बेहद जरूरी होता है, ताकि आपको आपकी तपस्या का पूरा फल मिल सके।
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निर्जला एकादशी व्रत के नियम
- निर्जला एकादशी व्रत में अन्न के अलावा पानी पीना भी वर्जित माना गया है। ऐसे में अगर आप यह व्रत रख रहे हैं, तो इस दिन जल ग्रहण न करें।
- अगर आपने निर्जला एकादशी का व्रत रखा है, तो सूर्योदय से लेकर अगले दिन यानी द्वादशी के दिन सूर्योदय तक अन्न और जल का ग्रहण नहीं करेंगे। हालांकि जो व्यक्ति बीमार है उसे पानी पीने की छूट होती है।
- धार्मिक शास्त्रों में निर्जला एकादशी का व्रत गर्भवती महिलाओं के लिए वर्जित माना गया है। हालांकि वह इस दिन पूजा कर सकती हैं, लेकिन निर्जल व्रत न रखें।
- मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत का पूरा फल तभी मिलाता है, जब अगले दिन यानी द्वादशी में व्रत का पारण किया जाए। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों को अन्न, धन और वस्त्र का दान करना चाहिए।
- वैसे तो किसी भी एकादशी पर तुलसी जी को नहीं छूना चाहिए, लेकिन निर्जला एकादशी पर खासतौर से इस बात की हिदायत दी जाती है, कि इस दिन तुलसी जी को छुएं, क्योकिं इस दिन उनका भी निर्जल व्रत होता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 17 June 2024 at 18:00 IST