अपडेटेड 18 June 2024 at 09:15 IST

Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी आज, जानिए शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि और भोग तक सबकुछ

Nirjala Ekadashi 2024: आज निर्जला एकादशी के दिन आपको पूजा के शुभ मुहू्र्त और विधि के बारे में जान लेना चाहिए।

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Ekadashi
कब है सफला एकादशी व्रत? | Image: Freepik

Nirjala Ekadashi 2024 Puja: हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी मनाई जाती है। जो कि आज यानी मंगलवार, 18 जून को मनाई जा रही है। इस दौरान मुख्य रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा किए जाने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन निर्जला यानी बिना पानी पिए व्रत करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और उनके घर-परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।

ऐसे में अगर आप भी आज निर्जला एकादशी का उपवास करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको पूजा विधि के साथ-साथ शुभ मुहूर्त, प्रभु के भोग और व्रत पारण के समय के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं निर्जला एकादशी व्रत के बारे में सबकुछ।

निर्जला एकादशी पर पूजा का मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2024 Shubh muhurt)

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट से हो चुकी है जिसका समापन 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून यानी आज के दिन रखा जा रहा है। वहीं, पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो आज ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 03 मिनट से सुबह 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। आप इन दोनों ही मुहूर्त पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

निर्जला एकादशी व्रत की पूजा विधि (Nirjala Ekadashi 2024 Puja Vidhi)

  • निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें।
  • अब स्नान करके पीले रंग के वस्त्र पहनें।
  • इसके बाद पूजा घर की साफ सफाई कर उसे गंगाजल से शुद्ध करें।
  • अब एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इस पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतीमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • अब भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को पीले चंदन और हल्दी, कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • माता को श्रृंगार का सामान, जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पित करें।
  • अब भगवान के समीप घी का दीपक जलाकर आरती, विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्रों का जाप करें।
  • इसके बाद विष्णुजी और माता को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं।
  • पूजा के अंत में प्रभु को लगाए गए भोग को प्रसाद के रूप में सभी लोगों में वितरित करें और अगले दिन व्रत का पारण करें।

भगवान विष्णु के प्रिय भोग (Nirjala Ekadashi 2024 Ke Bhog)

निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को केला, पंचामृत,  पीले रंग की मिठाई आदि का भोग लगाना चाहिए।

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पारण मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2024 Paran Time)

निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय बुधवार, 19 जून दिन को सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 7 बजकर 28 के बीच किया जा सकता है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 18 June 2024 at 07:27 IST