अपडेटेड 8 February 2024 at 17:26 IST
Mauni Amavasya 2024: कब है मौनी अमावस्या? जानिए महत्व, स्नान-दान का समय और पूजा विधि
Mauni Amavasya 2024: फरवरी में मौनी अमावस्या किस तारीख को मनाई जाएगी, साथ ही इसका महत्व और मुहूर्त-पूजा विधि क्या है? आइए यहां जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Mauni Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि विशेष महत्व होता है। माघ महीने में अमावस्या तिथि 9 फरवरी को पड़ रही है। इस महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या और माघ अमावस्या के नाम से भी जाता है। मौनी अमावस्या में गंगा स्नान, दान-पूण्य का विशेष महत्व है।
इतना ही नहीं, अमावस्या के दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। अगर आप मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान और पूजा करने वाले हैं तो आपको इसके मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में जान लेना चाहिए।
मौनी अमावस्या का महत्व
शास्त्रों में अमावस्या की सभी तिथियों में से मौनी अमावस्या को सबसे ज्यादा खास माना गया है। दरअसल, मौनी अमावस्या के दिन मौन रहना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, मौनी अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को मनचाहा फल भी मिलता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा किए जाने का भी प्रावधान है। मान्यता है कि अगर मौनी अमावस्या के दिन आपकी पूजा अर्चना से भगवान विष्णु प्रसन्न हो गए हो वह आपकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की शुरुआत 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 2 मिनट से होगी जो अगले दिन 10 जनवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।
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स्नान-दान का समय
वहीं, मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन दान करने का भी खास महत्व होता है। ऐसे में मौनी अमावस्या के दिन स्नान के लिए शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त से सूर्योदय तक माना जा रहा है। इसके अलावा सुबह 11 बजे से पहले भी स्नान करना फलदायी हो सकता है। आप स्नान करने के बाद कभी भी दान-पुण्य का कार्य कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या की पूजा विधि
- मौनी अमावस्या के दिन सुबह उठे और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान जरूर करें।
- अगर आपके घर के पास कोई पवित्र नदी नहीं है तो आप घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।
- इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें और अपनी श्रद्धा अनुसार विशेष चीजों का दान करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 8 February 2024 at 17:19 IST