अपडेटेड 1 August 2024 at 16:11 IST
Mata Sita: राजा जनक ने सीता स्वयंवर में राजा दशरथ को निमंत्रण क्यों नहीं भेजा? पढ़ें कथा...
Why dashrath was not invited in sita swayamvar: क्या आप जानते हैं कि सीता स्वयंवर में जनक ने क्यों राजा दशरथ को निमंत्रण नहीं भेजा था? इसके पीछे ये कथा है...
- धर्म और अध्यात्म
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Ramayana story in hindi: यह तो हम सभी जानते हैं कि सीता स्वयंवर में प्रभु श्री राम ने धनुष बाण को तोड़कर माता सीता को अपना बना लिया था। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि राजा जनक ने राजा दशरथ के पास यानी अयोध्या में सीता स्वयंवर के लिए निमंत्रण नहीं भेजा था। इसके पीछे एक कहानी प्रचलित है।
आज का हमारा लेख इस कहानी पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता सीता के स्वयंवर में दशरथ को क्यों निमंत्रण नहीं भेजा था। पढ़ते हैं आगे…
राजा जनक ने सीता स्वयंवर में राजा दशरथ को निमंत्रण क्यों नहीं भेजा?
राजा जनक के यहां एक घटना घटी थी। एक व्यक्ति का विवाह हुआ और जब वह अपने ससुराल अपनी पत्नी को लेने गया तो रास्ते में उसने दलदल में गाय फंसी देखी। उसने सोचा अगर वो दूसरे रास्ते से जाएगा तो उसे देर हो जाएगी। उत्साह के कारण उसने गाय के ऊपर पैर रखकर दलदल को पार करना चाहा। ऐसे में गाय ने उस व्यक्ति को श्राप दिया कि जिससे मिलने वो जा रहा है अगर वह तुझे देखेगी या तू उसे देखेगा तो तू अंधा हो जाएगा।
श्राप से व्यक्ति डर गया। ऐसे में वो जब ससुराल पहुंचा तो घर के अंदर नहीं गया। जब पत्नी को इस बात का पता चला तो वो अपने पति से मिलने गई। जब पत्नी ने कारण पूछा तो पति ने पूरा कारण बता दिया। ऐसे में पत्नी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होता। आप मेरी तरफ देखो। जब पत्नी के कहने पर पति ने देखा तो वो अंधा हो गया।
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ऐसे में सब राजा जनक के दरबार पुहंचे। जब राजा ने विद्वानों से श्राप का तोड़ निकलवाया तो तोड़ में पता चला कि यदि कोई पतिव्रता स्त्री एक छलनी में गंगा जल लेकर उसकी आंखों पर लगाए तो इससे उसकी आंखें लौट आएंगी। तब राजा ने अयोध्या में मदद के लिए एक पतिव्रता स्त्री की मांग राजा दशरथ से करें।
ज्यादा दशरथ ने जब वहां मौजूद लोगों से पूछा तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां तो हर स्त्री पतिव्रता है। ऐसे में राजा दशरथ ने अपने राज्य को बड़ा दिखाने के लिए एक झाड़ू लगाने वाली स्त्री को दरबार में भेज दिया। स्त्री के स्पर्श से व्यक्ति बिल्कुल ठीक हो गया। इस बात से राजा जनक के दरबार में जश्न होने लगा। लेकिन जब बाद में राजा को पता चला कि झाड़ू लगाने वाली स्त्री आई है तो उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लगा इसलिए राजा जनक ने सीता स्वयंवर में राजा दशरथ को निमंत्रण नहीं भेजा।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 1 August 2024 at 16:08 IST