अपडेटेड 4 June 2024 at 07:18 IST
आज प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक साथ, जानिए किस मुहूर्त में करें शिव की पूजा; नोट करें पूजन विधि
Masik Shivratri aur Pradosh Vrat 2024: आज का दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास होने वाला है। आज प्रदोष व्रत के साथ-साथ मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है।
- धर्म और अध्यात्म
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Masik Shivratri aur Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में भगवान शिव को विशेष स्थान प्राप्त है। शिवजी अपने भक्त के थोड़े प्रयास से ही खुश हो जाते हैं और उसे जीवनभर कष्टों से मुक्त कर भक्त के जीवन को खुशियों से भर देते हैं। शिवजी को प्रसन्न करना बेहद आसान है, इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है।
शिवजी का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त सोमवार के दिन शिवजी की पूजा और व्रत करते हैं। हालांकि सोमवार के अलावा प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि के मौके पर भी भक्त शिवजी की भक्ति में लीन होकर उनके लिए व्रत और विशेष पूजा करते हैं।
प्रदोष व्रत और ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि एक साथ
आज यानी मंगलवार, 4 जून का दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास है। आज प्रदोष व्रत के साथ-साथ मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है। ऐसे में अगर आप आज सच्चे मन से शिवजी की पूजा और व्रत करते हैं तो आपको इसका दोगुना फल मिलेगा और धन समेत मान-सम्मान में खूब बढ़ोतरी होगी। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि पर शिव पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा।
भौम प्रदोष व्रत और ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि 2024 पूजा मुहूर्त (Pradosh vrat and Jyeshtha Masik shivratri 2024 Puja Muhurat)
भौम प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त: प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है। ऐसे में भक्त मंगलवार, 4 जून 2024 को रात 07 बजकर 16 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 18 मिनट तक शिवजी की पूजा कर सकते हैं। ये मुहूर्त पूजा के लिए सबसे शुभ रहेगा।
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ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त: मासकि शिवरात्रि के मौके पर रात्रि निशिता काल में पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में आप मंगलवार, 4 जून 2024 को रात 11 बजकर 59 मिनट से बुधवार, 5 जून 2024 को मध्य रात्रि/प्रात: 12 बजकर 40 मिनट पर पूजा कर सकते हैं।
भौम प्रदोष व्रत और ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि 2024 पूजा विधि (Pradosh vrat and Jyeshtha Masik shivratri 2024 Puja Vidhi)
- शाम के समय पूजा के शुभ मुहूर्त से पहले स्नान करने के बाद साफ व पीले रंग के कपड़े पहनें।
- फिर भगवान शिव और माता पार्वती समेत उनके पूरे परिवार और अन्य देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें।
- इसके बाद संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं।
- अब शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
- भगवान को साबूदाने की खीर का भोग लगाएं।
- पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
- इसके बाद घी के दीपक से भगवान शिव की आरती करें।
- आखिर में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद भगवान से क्षमा आदि मांगकर जो भी विनती आपको करनी है वह करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 4 June 2024 at 07:18 IST