अपडेटेड 25 April 2025 at 11:55 IST

Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि कब? जानें डेट, मुहूर्त और पूजा विधि

Masik Shivratri 2025 Date: आइए जानते हैं कि इस बार मासिक शिवरात्रि किस दिन की पड़ रही है।

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Lord Shiv
मासिक शिवरात्रि 2025 | Image: Shutterstock

Masik Shivratri 2025: सनातन धर्म में महादेव की पूजा और व्रत किए जाने का बेहद खास महत्व है। हर महीने महादेव की पूजा और व्रत के लिए मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महादेव के साथ-साथ मां पार्वती की पूजा भी की जाती है।

माना जाता है कि अगर आपको अपनी कोई मनोकामना पूरी करनी हैं या आप किसी तरह के संकट से जूझ रहे हैं तो आपको मासिक शिवरात्रि का व्रत जरूर करना चाहिए। इस व्रत को करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ-साथ हर तरह का कष्ट भी दूर होगा। तो आइए जानते हैं कि इस बार मासिक शिवरात्रि का  व्रत कब रखा जाएगा।

मासिक शिवरात्रि 2025 की डेट (Masik Shivratri 2025 Date)

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी, जिसका समापन अगले दिन 27 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक शनिवार, 26 अप्रैल को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।

मासिक शिवरात्रि 2025 पूजा मुहूर्त (Masik Shivratri 2025 Muhurat)

मासिक शिवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही सुबह 08 बजकर 27 मिनट तक भद्रावास योग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से आपको शिवजी का आशीर्वाद मिलेगा।

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मासिक शिवरात्रि 2025 पूजा विधि (Masik Shivratri 2025 Puja Vidhi)

  • मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर शिवजी का ध्यान करें और व्रत रखने का संकल्प लें।
  • इसके बाद स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • अब पूजा स्थल को साफ कर शिवजी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • इसके बाद शिवलिंग को जल, दूध, शहद, घी, दही और पंचामृत से स्नान कराएं।
  • अब ताजे, अखंडित बेल के पत्ते (विषम संख्या में) और धतूरा या कमल जैसे सफेद फूलों का उपयोग करें।
  • इसके बाद चंदन का लेप, विभूति और अक्षत शिव जी अर्पित करें।
  • घी या तेल का दीया और स्थान को शुद्ध करने के लिए अगरबत्ती जलाएँ।
  • “ओम नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • शिव आरती को पूरी श्रद्धा के साथ गाएं या सुनाएं, ताली और घंटियां बजाएं।
  • अगली सुबह, प्रार्थना के बाद, व्रत का पारण करें और गरीबों या ब्राह्मणों को दान दें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 25 April 2025 at 11:55 IST