अपडेटेड 20 April 2025 at 10:27 IST

Masik Krishna Janmashtami 2025: मासिक कृष्ण जन्माष्टमी आज, नोट करें मुहूर्त और खास पूजा विधि

Masik Krishna Janmashtami 2025: आइए जानते हैं कि मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा करने के लिए कौन-सा मुहूर्त शुभ होगा।

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Janmashtami 2024
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी | Image: Pixabay

Masik Krishna Janmashtami 2025: हिंदू धर्म में हर महीने मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2025) मनाई जाती है। जिसे सनातन धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और राधा रानी की पूजा-अर्चना किए जाने का विधान है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है जो कि आज यानी रविवार, 20 अप्रैल को मनाई जा रही है।

दरअसल, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है।  इस दिन कुछ लोग भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आप किस शुभ मुहूर्त में श्री कृष्ण की पूजा कर सकते हैं।

मासिक जन्माष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त (Masik Krishna Janmashtami 2025 Shubh Muhurat)

  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 06 मिनट तक।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 49 मिनट से शाम 07 बजकर 11 मिनट तक।
  • निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से देर रात 12 बजकर 42 मिनट तक।
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक।
  • अमृत काल: सुबह 06 बजकर 43 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट तक।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि (Masik Krishna Janmashtami Puja Vidhi)

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़ें पहने।
  • इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना अति शुभ माना जाता है।
  • इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
  • अब पूजा स्थल को साफ कर गंगाजल से शुद्ध करें।
  • इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • अब जल, दही और दूध आदि चीजों के द्वारा लड्डू गोपाल को स्नान करवाएं।
  • उन्हें नए वस्त्र पहनांए और तिलक करें और भगवान को फूलमाला अर्पित करें।
  • देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें।
  • अब श्रीकृष्ण को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • आखिरी में क्षमा प्रार्थन कर, पूजा के बाद जरूरतमंदों को जरूरत की चीजें दान करें।

भगवान श्रीकृ्ष्ण के मंत्र (Krishna Mantra)

  • ॐ कृष्णाय नमः।
  • ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय।
  • ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात।
  • ओम क्लीम कृष्णाय नमः।
  • ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।
  • गोकुल नाथाय नमः।
  • ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः।
  • हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। 
    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 20 April 2025 at 10:27 IST