अपडेटेड 26 August 2024 at 21:31 IST
Janmashtami Vrat Paran: आपने भी रखा है जन्माष्टमी का व्रत? जानें कब और कैसे खोलें, क्या है मुहूर्त
Janmashtami Vrat Paran Samay: बहुत सारे लोग जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस व्रत को कैसे खोलना चाहिए और पारन का समय क्या है?
- धर्म और अध्यात्म
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Janmashtami Vrat Ka Paran Kab Hai: पूरे देशभर में आज यानी 26 अगस्त 2024 दिन सोमवार को बड़ी ही धूमधाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। वहीं जहां कुछ लोग मंदिरों में बाल गोपाल के दर्शन के लिए जा रहे हैं, वहीं कुछ लोग घर पर ही लड्डू गोपाल की जन्म की तैयारी कर रहे हैं। जन्माष्टमी पर पूरे दिन लोग व्रत रखते हैं और आधी रात में लल्ला के जन्म के बाद ही व्रत खोलते हैं। हालांकि बहुत ही कम लोग जन्माष्टमी पर व्रत खोलने की सही विधि और पारन के समय के बारे में जानते हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
आमतौर पर ज्यादातर लोग जन्माष्टमी पर आधी रात में श्रीकृष्ण के जन्म के बाद पूजा करते हैं और फिर व्रत खोल लेते हैं, तो कुछ लोग अगले दिन यानी सूर्योदय के बाद व्रत खोलते हैं। तो वहीं कई भक्त ऐसे भी होते हैं, जो अष्टमी तिथि के समाप्त होने पर ही व्रत खोलते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी का व्रत कैसे और कब खोलना चाहिए और पारन का सही समय क्या है?
कब खोलना चाहिए जन्माष्टमी का व्रत?
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक जन्माष्टमी व्रत का पारण रात 12 बजे के बाद और अगले दिन भी किया जाता है। यह भक्त अपनी सुविधानुसार किसी भी समय में कर सकते हैं। हालांकि भक्तों को पारण के मुहूर्त का ध्यान जरूर रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि इस साल जन्माष्टमी व्रत पारण का समय क्या है?
जन्माष्टमी व्रत पारण का समय क्या है?
धर्म शास्त्र के मुताबिक श्रीकृष्ण के जन्म और उनकी पूजा के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है। वहीं इस बार पारण के लिए तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला 26 अगस्त की रात 12 बजकर 45 मिनट के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है। वहीं जो लोग अगले दिन जन्माष्टमी व्रत का पारण करते हैं उनके लिए व्रत 27 अगस्त की सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा 27 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 38 मिनट के बाद किया जा सकेगा।
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जन्माष्टमी व्रत पारण की विधि क्या है?
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि जन्माष्टमी व्रत की पारण विधि भी होती है। बता दें कि जन्माष्टमी व्रत खोलने से पहले विधि विधान कृष्ण भगवान की पूजा करें, फिर उन्हें भोग अर्पित करें और फिर भोग में चढ़ाई गई चीजों को ही खाकर व्रत खोलें।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 26 August 2024 at 21:31 IST