अपडेटेड 16 April 2024 at 16:08 IST
Kanya Pujan में कितने साल की बच्चियों की करनी चाहिए पूजा? उम्र का रखें ध्यान, तभी मिलेगा आशीर्वाद
Navratri का समापन अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ होता है, लेकिन कन्या पूजन शामिल होने वाली बच्चियों की उम्र का खास ध्यान रखना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Kanya Pujan Me Kitne Saal Ki Bacchiyo Ko Karna Chahiye Shamil: हिंदू धर्म में नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के पर्व का बेहद खास महत्व माना जाता है। इन दौरान पूरे नौ दिनों तक माता रानी के अलग-अलग स्वरुपों की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और उन्हें प्रसन्न किया जाता है। नवरात्रि का हर दिन खास होता है, लेकिन लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि अष्टमी और नवमी इन दोनों ही तिथियों में हवन के साथ कन्या पूजन का विधान है।
मान्यता है कि नवरात्रि बिना कन्या पूजा के पूरी नहीं मानी जाती है। ठीक इसी तरह से कन्याओं को भोज कराते समय इनकी उम्र का भी ध्यान रखना चाहिए तभी माता रानी प्रसन्न होती है। आइए जानते हैं नवरात्रि में कितने साल की बच्चियों को Kanya Pujan में शामिल करना चाहिए।
नवरात्रि में कन्या पूजा का महत्व (Kanya Pujan Mahatav) क्या है?
चैत्र हो या फिर शारदीय दोनों ही नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का काफी महत्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बिना कंचिका खिलाए नवरात्रि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। वहीं नौ दिन के उपवास के बाद कन्याओं को भोज करवाने से माता रानी प्रसन्न होती है और सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती है। इसके साथ ही कन्या पूजन करने से कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है।
कितनी कन्याओं को भोजन करवाना चाहिए?
मान्यता के मुताबिक नवरात्रि कन्या पूजन में 9 कन्याएं और एक बालक का होना बेहद जरूरी होता है। ये नौ कन्याएं मां देवी का स्वरूप मानी जाती है और बालक भैरव का रूप माना जाता है। इसलिए 9 बच्चियों और 1 बालक को भोजन करवाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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कितने से लेकर कितने साल की बच्चियों को करें शामिल?
अक्सर हम सभी लोग कन्या पूजन में बच्चियों की उम्र का ध्यान नहीं देते हैं और किसी भी उम्र की क्याओं को भोजन करवा देते हैं, लेकिन ऐसा करने पर माता रानी नाराज हो सकती है। सात ही नौ दिनों की तपस्या का फल भी अधूरा रह सकता है। ऐसे में कन्या पूजन में कन्याओं की उम्र दो से 10 वर्ष की शुभ मानी जाती है। ऐसे में जब भी आप कन्या पूजन करें तो बच्चयों की उम्र का ध्यान रखें।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 16 April 2024 at 16:06 IST