अपडेटेड 9 December 2025 at 23:01 IST
Kharmas 2025: कब से शुरु होगा खरमास? इस से सभी शुभ कार्यों पर लग जाएगा ब्रेक, जानें तिथि
Kharmas 2025: हिंदू धर्म में खरमास को अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। इस साल कब से खरमास शुरु हो रहा है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Kharmas 2025: हिंदू धर्म में साल में दो बार खरमास लगता है। एक बार तब लगता है जब सूर्य धनु राशि में आते हैं और दूसरी बार तब लगता है, जब वह मीन राशि में आते हैं। खरमास में कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान कोई भी शुभ काम करने से अशुभता की प्राप्ति होती है और जीवन में कलह-क्लेश आते हैं। इसलिए आप खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य न करें।
अब ऐसे में इस साल कब से खरमास लग रहा है? साथ ही इसकी तिथि क्या है और इस दौरान क्या करने से बचना चाहिए? इसके बारे में भी विस्तार से जानते हैं।
कब से शुरु हो रहा है खरमास?
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य जब गुरु की राशि धनु या फिर मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दौरान सूर्य कमजोर पड़ जाता है और सूर्य को सभी मांगलिक कार्यों का राजा माना जाता है। अब ऐसे में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है तो मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है। इस साल 16 दिसंबर से खरमास का आरंभ होने जा रहा है। जो सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान खरमास आरंभ हो जाएगा। वहीं खरमास का समाप 14 जनवरी 2026 को रात 9 बजकर 19 मिनट पर हो जाएगा। इस दौरान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और मकर संक्रांति लग जाएगी।
खरमास में किन चीजों को करने की मनाही है?
खरमास में सबसे पहले विवाह जैसे मांगलिक कार्य को टाल देना चाहिए। मान्यता है कि इस अवधि में विवाह करने से दंपति के जीवन में सुख-समृद्धि की कमी आती है और उनके वैवाहिक जीवन में कई प्रकार की बाधाएं आ सकती हैं। खरमास के समाप्त होने पर ही शहनाई बजाना शुभ माना जाता है। किसी भी नए व्यापार, व्यवसाय, या नौकरी की शुरुआत करने से इस दौरान बचना चाहिए। नया घर खरीदना, गृह प्रवेश करना, या यहां तक कि घर का निर्माण शुरू करना भी खरमास में शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान बच्चों का मुंडन भी नहीं करना चाहिए।
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खरमास का क्या महत्व है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्य देव अपने सात घोड़ों के रथ को लेकर बृहस्पति की राशि में प्रवेश करते हैं, तो घोड़े थक जाते हैं और उन्हें आराम की आवश्यकता होती है। इस धीमी गति के कारण ही इस मास को 'खरमास' कहा गया है और यह अवधि शुभ कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए खरमास में कोई भी शुभ काम करने से बचें।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 9 December 2025 at 23:01 IST