Published 12:16 IST, October 13th 2024
Karwa Chauth को क्यों कहते हैं 'करवा चौथ'?
What is the story behind Karwa Chauth? करवा चौथ के पीछे की कहानी क्या है? करवा चौथ नाम क्यों पड़ा? जानते हैं इस लेख के माध्यम से...
What is the history of Karwa? करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन महिला के लिए बेहद महत्वपूर्ण और किसी पर्व से कम नहीं होता। बता दें कि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं और पूजा अर्चना भी करती हैं। यह व्रत कार्तिक कृष्ण की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं करवा चौथ का नाम करवा चौथ ही क्यों पड़ा? इसके पीछे क्या कारण है?
अगर नहीं, तो आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि करवा चौथ का नाम करवा चौथ क्यों पड़ा। पढ़ते हैं आगे…
करवा चौथ क्यों कहा जाता है?
बता दें कि एक करवा नाम की पवित्रता स्त्री थीं। मान्यता है कि उसी के नाम पर यह करवा चौथ नाम पड़ा था। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। कहते हैं कि यह स्त्री नदी किनारे अपने पति के साथ एक गांव में रहती थी। एक बार उसका पति स्नान के लिए नदी में गया तो उस वक्त एक मगरमच्छ ने करवा के पति का पैर पकड़ लिया। वह दर्द के मारे करवा-करवा कहकर अपनी पत्नी को पुकार रहा था। जब पत्नी के कानों में वह आवाज गई तो वह भागी भागी आई।
उसने आकर देखा कि मगरमच्छ ने उसके पति के पैर पकड़ लिए तो उसने कच्चे धागे से मगरमच्छ का मुंह बांध दिया। मगरमच्छ को बांधकर करवा यमराज के यहां गई और यमराज से कहने लगी कि हे भगवान मगरमच्छ ने मेरे पति के पैरों को पकड़ लिया है, मैं आपसे प्रार्थना करती हूं कि उस अपराधी को आप उसे नर्क ले जाएं।
यमराज बोले- लेकिन अभी मगरमच्छ की आयु बाकी है। मैं उसे कैसे नर्क ले जा सकता हूं। इस पर करवा बोली कि अगर आपने मेरी बात नहीं मानी तो मैं आपको श्राप दे दूंगी। ऐसा सुनकर यमराज डर गए। उन्होंने मगरमच्छ को नर्क भेज दिया। कहते हैं कि करवा के पति को दीर्घायु का भी आशीर्वाद यमराज ने ही दिया। ऐसे में तभी से उस महिला को करवा माता कहने लगे और उन पर ही करवा चौथ का नाम रखा।
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Updated 12:20 IST, October 13th 2024