अपडेटेड 10 October 2025 at 12:53 IST
Karwa Chauth 2025: शादी के बाद पहली बार कर रही हैं करवाचौथ? पूजा में जरूर शामिल करें ये चीज, वरना अधूरा रहेगा व्रत
Karwa Chauth Puja Vidhi: करवाचौथ का व्रत सिर्फ एक रीति नहीं बल्कि प्यार, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। अगर आप सभी सामग्री समय से पहले तैयार कर लें, तो पूजा विधि पूरी और शुभ होती है।
- धर्म और अध्यात्म
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Karwa Chauth Puja Samagri List: करवाचौथ का व्रत हर साल सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चांद देखकर पूजा करती हैं। करवाचौथ की पूजा का विशेष महत्व होता है, इसलिए इसमें इस्तेमाल होने वाली पूजा सामग्री का पूरा और सही होना बहुत जरूरी है। अगर पूजा की थाली में कुछ चीजें छूट जाएं, तो विधि पूरी नहीं मानी जाती है। तो चलिए जानते हैं करवाचौथ व्रत की पूजा में किन-किन चीजों का होना जरूरी है।
करवाचौथ 2025 कब है?
साल 2025 में करवाचौथ व्रत 10 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिनें सजधज कर मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।
करवाचौथ व्रत की पूजा सामग्री की सूची
- करवा (मिट्टी या पीतल का) - करवा चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए उपयोग होता है।
- थाली - पूजा करने के लिए एक साफ थाली जरूरी है।
- दीपक (घी का) - माता पार्वती की आरती और पूजा के लिए।
- अगरबत्ती और धूपबत्ती - पूजा के समय सुगंध और वातावरण पवित्र करने का काम करेगा।
- चावल, रोली और कुमकुम – तिलक लगाने और पूजा में उपयोग के लिए है जरूरी।
- गंगाजल या शुद्ध जल - आचमन और पूजा कार्यों के लिए आएगा काम।
- सिंदूर डिब्बी - सुहाग की निशानी करेगी व्रत को पूरा।
- कलीरा, बिंदी, चूड़ी, बिछिया - सुहाग के प्रतीक के रूप में है जरूरी।
- नई साड़ी या सूट - व्रत रखने वाली महिला को नये कपड़े पहनने चाहिए।
- फल और मिठाई - नैवेद्य के रूप में चढ़ाने के लिए जरूरी होता है।
- आटा, चीनी और हल्दी से बना करवा - पूजा में अर्पित करने के लिए आएगी काम।
- रोली, मौली और अक्षत - तिलक और संकल्प के लिए है जरूरी।
- पान, सुपारी और इलायची - पारंपरिक पूजा सामग्री होती है।
- सात अनाज - करवा में डालने के लिए है जरूरी।
- सोलह श्रृंगार की सामग्री - जैसे बिंदी, मेहंदी, चूड़ी, काजल, कंघी, इत्र आदि।
- चलनी और लोटा - चांद देखने और अर्घ्य देने के लिए।
- करवाचौथ व्रत कथा पुस्तक - पूजा के समय कथा सुनने के लिए।
पूजा का तरीका
- शाम के समय सुहागिनें सोलह श्रृंगार कर सजती हैं।
- थाली में सभी सामग्री सजाकर रखती हैं।
- मां गौरी, भगवान शिव, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा करती हैं।
- करवाचौथ की कथा सुनती हैं।
- रात में चांद निकलने पर चलनी से चांद को देखकर अर्घ्य देती हैं और फिर पति का चेहरा देखकर व्रत खोलती हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Samridhi Breja
पब्लिश्ड 5 October 2025 at 16:15 IST