अपडेटेड 3 November 2025 at 18:24 IST

Kartik Purnima 2025 Deepdaan: कार्तिक पूर्णिमा पर कितने दीये जलाना माना जाता है शुभ? जानें कब और कैसे करना चाहिए दीपदान

Kartik Purnima Kab Hai: कार्तिक पूर्णिमा का दिन भक्ति, दान और दीपदान का पर्व है। इस दिन पूरे मन से दीप जलाने से घर में शांति, सौभाग्य और धन की वर्षा होती है।

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कार्तिक पूर्णिमा दीपदान कैसे करें? | Image: Meta AI/Freepik

Kartik Purnima Diye Ke Upay: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन किया गया दीपदान न सिर्फ पापों का नाश करता है बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी लाता है। चलिए जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा 2025 पर दीपदान का सही तरीका क्या है, कितने दीये जलाना शुभ माना जाता है और इसका महत्व क्या है।

कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दीपदान करने से अंधकार और नकारात्मकता दूर होती है, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का वास होता है।

कितने दीये जलाना शुभ माना जाता है?

परंपरा के अनुसार 11, 21 या 51 दीये जलाना शुभ माना गया है। जिनके घर में संभव न हो, वे कम से कम 5 दीये अवश्य जलाएं। मंदिर, तुलसी के पौधे, घर के दरवाजे, रसोई और पूजा स्थान पर दीपक जलाना अत्यंत मंगलकारी होता है।

मान्यता है कि इस दिन 365 बाती वाली दीया जलाना अत्यंत शुभ होता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती वाला दीया जलाने से सभी पूर्णिमाओं के पूजा व दीपदान के बराबर पुण्य मिलता है।

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दीपदान कब और कहां करें?

  • शाम के समय जब सूर्य अस्त हो जाए, तब दीप जलाना शुभ होता है।
  • तुलसी माता के पास दीप जलाने से घर में सुख-शांति आती है।
  • घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर रहती है।
  • जल में दीपदान (नदी या तालाब में) करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
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दीपदान करने का सही तरीका

  • सबसे पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
  • भगवान विष्णु, भगवान शिव और मां लक्ष्मी का ध्यान करें।
  • तिल के तेल या घी से दीप जलाएं।
  • हर दीप जलाते समय मन ही मन यह प्रार्थना करें - “अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो, जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करो।”
  • इसके अलावा भगवान विष्णु का मंत्र जाप भी कर सकते हैं - “ॐ भगवते वासुदेवाय नमः”
  • अंत में दीपदान के बाद भगवान को पुष्प अर्पित करें और प्रसाद बांटें।

क्या न करें इस दिन?

  • किसी से झगड़ा या अपशब्द न कहें।
  • बासी भोजन न करें।
  • दूसरों की मदद से मुंह न मोड़ें, दान अवश्य करें।

कार्तिक पूर्णिमा का दिन भक्ति, दान और दीपदान का पर्व है। इस दिन पूरे मन से दीप जलाने से घर में शांति, सौभाग्य और धन की वर्षा होती है। चाहे एक दीपक ही क्यों न हो, उसे सच्चे मन से जलाएं। क्योंकि दीपदान केवल रोशनी नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 3 November 2025 at 18:24 IST