अपडेटेड 2 September 2025 at 09:11 IST
Kalawa Niyam: अगर आप भी पहनते हैं कलावा तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान, वरना जिंदगी में आने लगती हैं मुश्किलें
Kalawa Niyam: हिंदू धर्म में कलावा बांधने से लेकर उतारने तक के नियम के बारे में विस्तार से बताया गया है। आइए इस लेख में विस्तार से कलावा बांधने के महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Kalawa Niyam: सनातन धर्म में कलावा को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य में मौली या फिर कलावा विधिवत रूप से मंत्रों का जाप करने के साथ बांधा जाता है। जिसे रक्षासूत्र भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि कलावा को हाथ में बांधने से हर तरह की रक्षा होती है और व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति भी मिलती है। कलावा लाल या फिर पीले रंग का भी बांधा जा सकता है।
कहते हैं कि अगर किसी भी व्यक्ति के जीवन में कोई परेशानी आ रही है तो उससे छुटकारा मिल सकता है। कलावा में त्रिदेवों और त्रिदेवियों का भी वास माना जाता है। जो मान-सम्मान, धन और सुख-शांति का प्रतीक हैं।
आपको बता दें, कलावा बांधने के कई तरह के नियम बताए गए हैं। अब ऐसे में अगर आप भी कलावा बांधते हैं तो कुछ बांतों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से कलावा पहनने के नियम के बारे में जानते हैं।
किस हाथ में कलावा बांधना चाहिए?
कलावा बांधने के विशेष नियम हैं। पुरुषों और अविवाहित महिलाओं को दहिने हाथ में बांधना चाहिए और विवाहितों को बाएं हाथ में बांधना चाहिए।
कलावा को हाथ में कितनी बार लपेटें?
कलावा बांधने के दौरान मुट्टी में चावल या सिक्का जरूर रखना चाहिए और एक हाथ को सिर पर रखना चाहिए। कलावा को तीन या फिर पांच बार लपेटें और फिर मुट्ठी में रखे सिक्के और चावल बांधने वाले व्यक्ति को दे देना चाहिए।
पुराना कलावा कहां रखें?
पुराना कलावा आप जहां-तहां न रखें। आप इसे पीपल के पेड़ के नीचे रख सकते हैं या फिर नदी में प्रवाहित कर दें।
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कलावा को किस दिन खोलें?
कलावा आप मंगलवार या फिर शनिवार के दिन खोलें। यह दिन सबसे उत्तम माना जाता है।
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कितने दिन तक कलावा नया कलावा बांधना चाहिए?
आप नया कलावा 21 दिन तक ही बांधे और उसके बाद इसे खोलकर दोबारा नया कलावा बांध लें।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 2 September 2025 at 09:11 IST