अपडेटेड 14 September 2025 at 11:31 IST

Jitiya Vrat 2025: आज जितिया व्रत के दिन इस विधि से करें भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा, जानें नियम और महत्व

जितिया व्रत 2025 पर करें शिव-पार्वती की विशेष पूजा और पाएं संतान की लंबी उम्र व जीवन की कठिनाइयों से छुटकारा। जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

Jitiya Vrat 2025
Jitiya Vrat 2025 | Image: Freepik

Jitiya Vrat 2025: सनातन धर्म में जितिया व्रत का विशेष विधान है। यह व्रत आस्था, त्याग और संकल्प का प्रतीक माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप माताएं अपनी संतान के लिए करती हैं। ऐसी मान्यता है कि जिन भी दंपत्ति को संतान नहीं है और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो यह व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जितिया व्रत संतान की लंबी आयु, सुख-शांति और समृद्धि के लिए रखा जाता है। 

आपको बता दें, जितिया व्रत रविवार आज रखा जा रहा है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं। इससे पहले नहाय-खाय किया जाता है। अब ऐसे में आज सभी माताएं किस विधि से जितिया व्रत की पूजा करें और पूजा का महत्व क्या है?

आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

जितिया व्रत की पूजा के लिए सामग्री 

  • जितिया व्रत की पूजा के लिए भगवान जीमूतवाहन की प्रतिमा
  • आप भगवान शिव और मां पार्वती की तस्वीर
  • पीले रंग का वस्त्र
  • फूल, फल, धूप, दीप और प्रसाद
  • तांबे के लोटे में जल
  • मिट्टी का दिया और बाती
  • ठेकुआ, पूड़ी, खीर और विशेष पकवान 
  • अक्षत, रोली और चंदन
  • गंगाजल
  • जितिया व्रत की कथा पढ़ने के लिए पुस्तक 
  • भगवान शिव को चढ़ाने के लिए बेल, धतूरा
  • भगवान पार्वती को 16 श्रृंगार चढ़ाएं।

ये भी पढ़ें - Pitru Paksha 2025 Deepak :  पितरों को करना चाहते हैं प्रसन्न तो जलाएं आटे के दीपक, जानें शुभ दिशा और महत्व

Advertisement

जितिया व्रत की पूजा किस विधि से करें? 

  • जितिया व्रत के दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जितिया व्रत के लिए संकल्प लेती हैं। 
  • इसमें सबसे पहले उठकर ओंगठन की रस्म निभाई जाती है।
  • जितिया व्रत विशेष रूप से प्रदोष काल यानी कि शाम के समय करने का विधान है। 
  • इस दिन माताएं पूजा र गंगाजल छिड़कर उसे शुद्ध कर लेती हैं। 
  • इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने का भी विधान है। 
  • तालाब के जल में कुशा से बनी जीमूतवाहन की मूर्ति स्‍थापित की जाती है।
  •  पूजा करने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है।
  • आखिर में आरती करके पूजा का समापन होता है।  

जितिया व्रत की पूजा का महत्व

जितिया व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन जो माताएं व्रत रखती हैं , उनके संतान सुख-समृद्धि के साथ आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 14 September 2025 at 11:31 IST