अपडेटेड 12 March 2025 at 08:53 IST
Holika Dahan 2025: इन लोगों को भूलकर भी नहीं देखना चाहिए होलिका दहन, मिलेंगे अशुभ परिणाम
Holika Dahan 2025: क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों को भूलकर भी होलिका दहन नहीं देखना चाहिए? आइए जानते हैं कि वह कौन से लोग हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Holika Dahan 2025: हिंदू धर्म में होली (Holi 2025) के त्योहार का बेहद खास महत्व होता है। इस त्योहार का इंतजार लोग पूरे साल बेसब्री से करते हैं। होली का त्योहार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है, जिसके बाद अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि होली रंगोत्सव के रूप खेली जाती है। इस साल 13 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाएगा, जिसके बाद अगले दिन यानी 14 मार्च को होली खेली जाएगी।
होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। हालांकि होलिका दहन के लिए कई खास नियम भी बनाए गए हैं। जिसके अनुसार कुछ विशेष लोगों को होलिका दहन भूलकर भी नहीं देखना चाहिए। वरना इसका बुरा प्रभाव इन विशेष लोगों के जीवन पर पड़ सकता है। आइए जानते हैं इनमें कौन से लोग शामिल हैं।
इन लोगों को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन (Who Should Avoid Holika Dahan?)
गर्भवती महिलाएं: होलिका दहन गर्भवती महिलाओं को नहीं देखना चाहिए।
नवविवाहिता लड़कियां: शादी के बाद पहली होली मनाने वाली लड़कियों को भी होलिका दहन नहीं देखना चाहिए।
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छोटे बच्चे: छोटे या नवजात बच्चों को भी होलिका दहन नहीं देखना चाहिए।
क्यों नहीं देखना चाहिए? (Why should not watch it?)
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और इसमें राक्षसी होलिका का अंत हुआ था, जिनका शरीर अग्नि में जलकर खत्म हो गया था। इस कारण यह माना जाता है कि ऊपर दिए गए इन विशेष लोगों को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। वरना इसका बुरा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ सकता है।
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होलिका दहन पूजा विधि (Holika Dahan 2025 Puja Vidhi)
स्थान का चयन
सबसे पहले, होलिका दहन के लिए एक उपयुक्त स्थान चुनें, जहाँ पर कोई रुकावट न हो और वातावरण शांत हो।
होलिका का निर्माण
होलिका का ढांचा लकड़ी, सूखी घास, गोबर के उपले और अन्य सामग्रियों से तैयार करें। यह ढांचा होलिका की मूर्ति का प्रतीक होता है।
पूजा सामग्री
अक्षत (चिड़े हुए चावल), ताजे फूल, काले तिल, गुग्गुल, चंदन, मोती, सिक्के या अन्य शुभ वस्तुएं, दीपक और धूप आदि सामग्री पूजा के लिए एकत्रित करें।
पुजन स्थल तैयार करें
होलिका के पास एक चौकी लगाकर पूजा के लिए स्थान तैयार करें। इस स्थान पर जल, दीपक और अन्य पूजन सामग्री रखें।
होलिका की पूजा करें
अब होलिका के ढांचे के सामने दीपक जलाकर, धूप अर्पित करें और चंदन का तिलक करें। इसके बाद, अक्षत, ताजे फूल, और काले तिल डालें।
मंत्रों का जाप करें
होलिका पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करें, जैसे:
- “ॐ होलिकायै नमः”
- "ॐ रक्षोवधाय स्वाहा"
आग लगाएं
पूजा के बाद होलिका को आग से प्रज्वलित करें और उसकी चारों ओर परिक्रमा करें। इस दौरान अपने मन के सभी बुरे विचारों और पापों को जलाने का संकल्प लें।
प्रसाद बांटें
जब होलिका पूरी तरह से जल जाए, तो पूजा की सामग्री जैसे फूल, तिल, अक्षत आदि प्रसाद के रूप में बांटें।
घर में पूजा करें
होलिका दहन के बाद घर में भी पूजा करें, ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। घर के हर कोने में दीपक जलाएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 12 March 2025 at 08:53 IST