अपडेटेड 9 January 2025 at 07:52 IST
Guruwar Vrat Udyapan: करने जा रहे हैं गुरुवार व्रत का उद्यापन? जानिए नियम से सामग्री और पूजा विधि तक सब कुछ
Guruwar Vrat Udyapan Vidhi: अगर आप गुरुवार व्रत का उद्यापन करने जा रहे हैं तो आपको इसके नियमों के बारे में जान लेना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
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Guruwar Vrat Udyapan Niyam aur Vidhi: हिंदू धर्म में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा किए जाने का विधान है। मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है तो इससे उसके जीवन की हर दुख-परेशानी दूर हो जाती है।
इतना ही नहीं अगर कोई कुंवारी लड़की गुरुवार का व्रत करती है तो उसके विवाह में आ रही अड़चनें दूर हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप गुरुवार का व्रत करते हैं और इसका उद्यापन करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको गुरुवार व्रत उद्यापन के नियम और विधि के बारे में जान लेना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में।
गुरुवार व्रत उद्यापन के नियम (Guruwar Vrat Udyapan Ke Niyam)
- गुरुवार का व्रत पौष माह को छोड़कर किसी भी महीने में शुरू किया जा सकता है।
- व्रत शुरू करने के लिए सबसे शुभ दिन हिंदी महीने के शुक्लपक्ष का पहला गुरुवार होता है।
- एक साल में कुल 16 गुरुवार का व्रत किया जाता है और 17वें गुरुवार को उद्यापन किया जाता है।
- यानी आपको गुरुवार व्रत का उद्यापन 16 गुरुवार व्रत करने के बाद करना है।
गुरुवार व्रत उद्यापन की सामग्री (Guruwar Vrat Udyapan Ki Samagri)
- केले
- पपीता
- चने की दाल
- गुड़
- हल्दी
- पीले वस्त्र
गुरुवार व्रत उद्यापन विधि (Guruwar Vrat Udyapan Vidhi)
- गुरुवार व्रत का उद्यापन करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें।
- फिर भगवान विष्णु का ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें।
- अब विष्णु जी की पूजा करें। जिसमें सबसे पहले उन्हें पांच प्रकार की पीली वस्तुएं अर्पित करें।
- पीली वस्तुओं के रूप में आप विष्णु जी को फूल, फल, हल्दी, चंदन और मिठाई आदि अर्पित कर सकते हैं।
- भगवान विष्णु को गुरुवार व्रत के उद्यापन के दिन खीर का भोग लगाएं। इसके अलावा इस दिन गुड़ और चने की दाल का भोग लगाना अति शुभ माना जाता है।
- अब हाथ में जल भरकर भगवान विष्णु जी के सामने अर्पित करें।
- फिर विष्णुजी की आरती समेत मां लक्ष्मी की आरती पढ़ें, और विभिन्न मंत्रों आदि का जाप करें।
- इसके बाद आपका गुरुवार व्रत संकल्प पूरा हो जाएगा।
- आखिर में केले के पेड़ की पूजा कर गरीबों में अन्न दान करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 9 January 2025 at 07:52 IST