अपडेटेड 20 March 2025 at 07:35 IST
Guruwar Upay: नौकरी-बिजनेस में चाहिए तरक्की? तो गुरुवार के दिन जरूर करें ये उपाय, हर काम में मिलेगी सफलता!
Guruwar Ke Upay: अगर आपको अपने करियर में सफलता चाहिए तो आपको गुरुवार के दिन यहां दिए गए उपाय जरूर करने चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
- 2 min read

Guruwar Upay: सनातन धर्म में गुरुवार के दिन का बेहद खास महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है। कहते हैं इस दिन व्रत करने से विष्णु भक्त को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और उसका जीवन हमेशा सुख-समृद्धि से भरा रहता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने के साथ-साथ इस दिन कुछ विशेष उपाय भी करता है तो उस पर विष्णुजी की कृपा सदैव बनी रहती है और व्यक्ति का आर्थिक संकट दूर होता है तथा उसे करियर या किसी भी काम में हमेशा सफलता की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप भी गुरुवार के दिन उपाय करने के बारे में सोच रहे हैं तो चलिए हम यहां आपको बताते हैं कि आपको क्या-क्या उपाय करने चाहिए।
गुरुवार के उपाय (Guruwar ke upay)
- गुरुवार के दिन तुलसी मां की पूजा करें। पूजा के समय तुलसी मां को जल का अर्घ्य देकर तीन बार परिक्रमा करें। इससे भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहेगी।
- गुरुवार के दिन पूजा के समय गाय के कच्चे दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इससे भगवान विष्णु जल्दी प्रसन्न होकर आपके सभी दुखों का नाश करेंगे।
- गुरुवार पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ जरूर करें। विष्णु चालीसा का पाठ करने से दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।
- कुंडली में गुरु मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन पूजा के बाद पीले रंग की चीजों जैसे- मकई, चने की दाल, बेसन, केला और पीले रंग के कपड़े का दान कर सकते हैं।
- गुरुवार के दिन केले के पौधे की पूजा जरूर करें। जल में एक चुटकी हल्दी मिलाकर केले के पौधे में अर्घ्य दें।
- गुरुवार के दिन पूजा के दौरान श्रीहरि की आरती का पाठ भी जरूर करें। इससे विष्णु जी अति प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।
विष्णु के मंत्र (Vishnu ji ke mantra)
- ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
- पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।
- दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
- ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।।
- मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
- वृंदा,वृन्दावनी,विश्वपुजिता,विश्वपावनी,
पुष्पसारा,नंदिनी च तुलसी,कृष्णजीवनी ।।
एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम,
य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत।।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 20 March 2025 at 07:35 IST