अपडेटेड 15 July 2024 at 21:07 IST
Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा पर पढ़ें ये मंत्र, जीवन से संकट हो सकते हैं दूर
Guru purnima mantra in sanskrit: यदि गुरु पूर्णिमा के मौके पर आप यहां दिए मंत्रों का जाप करते हैं तो जीवन से कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। जानते हैं...
- धर्म और अध्यात्म
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Guru purnima mantra in sanskrit: गुरु पूर्णिमा का दिन गुरुओं को समर्पित होता है। वहीं इस साल यह दिन 21 जुलाई को मनाया जा रहा है। कुछ लोगों को इस बात पर शक था कि गुरु पूर्णिमा 20 जुलाई को है या 21, लेकिन बता दें कि इस साल गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को है। वहीं अगर समय की बात की जाए तो यह 20 जुलाई की शाम यानी 5:59 मिनट से ये पर्व लगेगा और इसका समापन 21 जुलाई को 3 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि 21 जुलाई को मान्य होगी।
ऐसे में इस दिन यदि कुछ मंत्रों का जाप किया जाए तो इससे गुरु की कृपा प्राप्त हो सकती है साथ ही जीवन से सारे कष्टों को दूर कर सकता है। आज का हमारा आर्टिकल इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि कौन से मंत्रों (Mantra for Guru purnima) का जाप किया जाए, जिससे कृपा प्राप्त हो सकती है। पढ़ते हैं आगे…
गुरू मंत्र
- ॐ गुरुभ्यों नम:।
- ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।
- ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
- ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।
- गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
लक्ष्मी स्त्रोत
श्रियमुनिन्द्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम्॥
वन्दे पद्ममुखीं देवीं पद्मनाभप्रियाम्यहम्॥
गुरू वैदिक मंत्र
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।।
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गुरू गायत्री मंत्र
ॐ अंगिरो जाताय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात्।।
विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
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विष्णु मंत्र
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
तुलसी गायत्री मंत्र
ऊँ श्री त्रिपुराय विद्महे तुलसी पत्राय धीमहि |
तन्नो: तुलसी प्रचोदयात ||
धन प्राप्ति हेतु मंत्र
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
तुलसी मंत्र
ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे,
विष्णुप्रियायै च धीमहि,
तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।
कारोबार में तरक्की हेतु मंत्र
ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 15 July 2024 at 21:06 IST