अपडेटेड 18 October 2025 at 07:05 IST
Dhanteras 2025: देवी लक्ष्मी-भगवान कुबेर को प्रिय हैं ये 6 पुष्प, धनतेरस पर अर्पित करें, धन की होगी बारिश
Dhanteras 2025: 18 अक्टूबर, 2025 यानी आज पूरे देश में धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। इस शुभ मौके पर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर को इन फूलों को अर्पित करने से धन की बारिश हो सकती है।
- धर्म और अध्यात्म
- 2 min read

Dhanteras 2025: धनतेरस को दिवाली का श्रीगणेश माना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा पाठ करने से घर में धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए धनतेरस के दिन हर कोई विनम्र होकर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा पाठ करते हैं।
धनतेरस पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा पाठ करने कि बात होती है, तो इनके प्रिय पुष्पों की बात जरूर होती है। धनतेरस पूजा-पाठ में सही पुष्पों का चयन और विधि पूर्वक अर्पित करने से घर में धन की बारिश भी होती है। इसलिए धनतेरस पर पूजा-पाठ पर सही पुष्पों का चुनाव करना जरूरी होता है। आइए मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरी के कुछ प्रिय पुष्पों के बारे में जानते हैं।
मां लक्ष्मी का प्रिय पुष्प
देवी लक्ष्मी के सबसे प्रिय पुष्प की बात होती है, तो सबसे पहले कमल का फूल का ही जिक्र जरूर होता है। कमल का फूल देवी लक्ष्मी का वाहन होता है, इसलिए कमल को अर्पित करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है और भक्तों पर आशीर्वाद बनाए रखती हैं। कमल के अलावा, सफेद चमेली और गुलाब का पुष्प भी अर्पित कर सकते हैं। इन फूलों के अर्पित से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और भक्तों की मनोकामना भी पूरी करती है।
भगवान कुबेर का प्रिय पुष्प
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान कुबेर का प्रिय फूल गंदे का फूल माना जाता है। धनतेरस के दिन गेंदे का फूल अर्पित करने से भगवान खुश होते हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। भगवान कुबेर को गेंदे के फूल के अलावा हल्दी का पौधा और गुड़हल के पुष्प को भी अर्पित कर सकते हैं।
भगवान धन्वंतरि का प्रिय पुष्प
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है। ऐसे में भगवान धन्वंतरि की पूजा पाठ के लिए चमेली का सफेद पुष्प से लेकर लाल और पीले फूल को अर्पित करना शुभ माना जाता है। पुष्पों का चयन और विधि पूर्वक पूजा-पाठ करने से धन की बारिश हो सकती है।
Advertisement
Published By : Sahitya Maurya
पब्लिश्ड 18 October 2025 at 07:02 IST