अपडेटेड 21 August 2025 at 23:08 IST

Ganesh Chaturthi 2025: कब है गणेश चतुर्थी? जानें गणपति स्थापना की विधि से लेकर शुभ मुहूर्त और विसर्जन की तारीख

ऋद्धि-सिद्धि और बुद्धि के देवता गणपति की पूजा के लिए सबसे ज्यादा शुभ मानी जाने वाली कब मनाई जाएगी गणेश चर्तुर्थी?

Ganesh Chaturthi 2025
गणेश चतुर्थी | Image: Pinterest

Ganesh Chaturthi celebration 2025: गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्न-विनाशक और बुद्धि के देवता माना जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 अगस्त (बुधवार) को धूमधाम से मनाया जाएगा।

इस दिन भक्त अपने घरों, मंदिरों और पंडालों में गणपति बप्पा की स्थापना करते हैं और दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।

गणेश स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त 

पंचांग के मुताबिक, भगवान गणेश का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था। इसलिए गणेश स्थापना के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ माना जाता है।

  • गणेश चतुर्थी स्थापना मुहूर्त 2025
  • दिनांक: 27 अगस्त 2025 (बुधवार)
  • समय: सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक
  • कुल अवधि: लगभग 2 घंटे 35 मिनट

गणपति पूजा विधि

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि शास्त्रों में स्पष्ट की गई है। भक्त को सुबह स्नान-ध्यान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

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घर के ईशान कोण में एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं।

उस पर गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करें।

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गंगाजल से स्नान कराकर सिंदूर का तिलक करें।

पूजा में दूर्वा घास, मोदक, नैवेद्य, नारियल और गन्ना अर्पित करें।

गणपति अथर्वशीर्ष या गणेश चालीसा का पाठ करें।

सुबह और शाम दोनों समय आरती करें।

कब होगा गणपति विसर्जन 2025?

गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक गणपति बप्पा का पूजन होता है। इस दौरान भक्त घर और पंडालों में खास अनुष्ठान करते हैं।

  • गणपति विसर्जन 2025 की तिथि
  • दिनांक: 06 सितंबर 2025 (शनिवार)
  • इस दिन भक्त गाजे-बाजे और श्रद्धा के साथ गणपति बप्पा को जल में विसर्जित करते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणपति की आराधना से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। सनातन परंपरा के मुताबिक, किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति पूजन के बिना अधूरी मानी जाती है। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारत में अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत के अधिकांश राज्यों में पारंपरिक रूप से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र राज्य में इसे जिस उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 21 August 2025 at 23:08 IST