अपडेटेड 1 November 2025 at 08:19 IST
Dev Uthani Ekadashi 2025 : आज देवउठनी एकादशी के दिन किन चीजों से भगवान विष्णु का अभिषेक करें? जानें नियम
Devuthani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु का अभिषेक किन चीजों से करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
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Dev Uthani Ekadashi 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसे 'देव प्रबोधिनी एकादशी' या 'देवोत्थान एकादशी' भी कहते हैं। यह वह पावन दिन है जब जगत के पालनहार भगवान विष्णु अपनी चार माह की योगनिद्रा से जागकर पुनः सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं। इसी के साथ चातुर्मास की समाप्ति होती है और विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। आपको बता दें, देवउठनी एकादशी का व्रत आज रखा जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से भाग्योदय हो सकता है। अब ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु का अभिषेक किन चीजों से करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
भगवान विष्णु का करें चंदन अभिषेक
शास्त्रों के अनुसार, श्री हरि विष्णु को चंदन का लेप लगाने से भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपदा की प्राप्ति होती है। विशेषकर हरि चंदन भगवान विष्णु को अति प्रिय है। मान्यता है कि चंदन का अभिषेक करने से न केवल भगवान की कृपा मिलती है, बल्कि व्यक्ति का मन-चित्त शांत रहता है और उसे मानसिक शांति मिलती है।चंदन के लेप के बाद इसे प्रसाद स्वरूप माथे पर लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।
भगवान विष्णु का करें पंचामृत अभिषेक
सनातन धर्म में भगवान विष्णु का पंचामृत अभिषेक करना अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना गया है। 'पंचामृत' का अर्थ है पांच अमृत, जो दूध, दही, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से बनता है। पंचामृत के ये पांच तत्व शुद्धता, समृद्धि, शक्ति, मधुरता और आनंद का प्रतीक हैं। भगवान विष्णु का पंचामृत अभिषेक करने से आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है।
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भगवान विष्णु का करें गन्ने के रस से अभिषेक
गन्ना मधुरता और खुशहाली का प्रतिनिधित्व करता है। विशेष रूप से, देवउठनी एकादशी के पावन पर्व पर, जब श्री हरि विष्णु अपनी चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं, तो उन्हें गन्ना या गन्ने के रस का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि उनका जागरण मंगलमय हो और आने वाला समय ताजगी, ऊर्जा और मिठास से भरा रहे। गन्ने के रस को लक्ष्मी तत्व से भी जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि गन्ना धन और मिठास का प्रतीक है। इस प्रकार, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को इसका भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और वंश वृद्धि होती है।
भगवान विष्णु का करें हल्दी से अभिषेक
हल्दी, गुरु ग्रह को मजबूत करती है, जिससे ज्ञान, भाग्य और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों को हल्दी प्रिय है। इस अभिषेक से घर में आर्थिक संपन्नता आती है और धन संबंधी अड़चनें दूर होती हैं। विवाह में आ रही देरी या रुकावटें दूर करने के लिए यह अभिषेक अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
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Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 1 November 2025 at 08:19 IST