अपडेटेड 18 December 2025 at 21:52 IST

Darsha Amavasya Chalisa 2025: दर्श अमावस्या के दिन जरूर करें इस चालीसा का पाठ, जीवन के कलह-क्लेश हो सकते हैं दूर

Darsha Amavasya Stotra 2025: हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या के दिन पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए एकमात्र ऐसा चालीसा है, जिसका पाठ करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Darsha Amavasya Chalisa 2025
Darsha Amavasya Chalisa 2025 | Image: Freepik

Darsha Amavasya Stotra 2025: सनातन धर्म में दर्श अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पूजा-पाठ करने का विधान है। इस दिन विधिवत रूप से श्राद्ध-कर्म किए जाते हैं। इस दौरान कोई भी नया काम करना शुभ नहीं माना जाता है। इस दिन ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति दान-पुण्य विधिवत रूप से करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है और जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 

आपको बता दें, इस दिन तुलसी चालीसा का पाठ करने का विशेष विधान है। आइए इस लेख में विस्तार से तुलसी चालीसा का पाठ करने के बारे में जानते हैं।

दर्श अमावस्या के दिन करें तुलसी चालीसा का पाठ 

अगर आपके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है तो दर्श अमावस्या के दिन इस चालीसा का पाठ विशेष रूप से करें। इससे व्यक्ति को शुभ परिणाम मिल सकते हैं। 
'श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय।
जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय।।
नमो नमो तुलसी महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी।
दियो विष्णु तुमको सनमाना, जग में छायो सुयश महाना।।
विष्णुप्रिया जय जयतिभवानि, तिहूँ लोक की हो सुखखानी।
भगवत पूजा कर जो कोई, बिना तुम्हारे सफल न होई।।
जिन घर तव नहिं होय निवासा, उस पर करहिं विष्णु नहिं बासा।
करे सदा जो तव नित सुमिरन, तेहिके काज होय सब पूरन।।
कातिक मास महात्म तुम्हारा, ताको जानत सब संसारा।
तव पूजन जो करैं कुंवारी, पावै सुन्दर वर सुकुमारी।।
कर जो पूजन नितप्रति नारी, सुख सम्पत्ति से होय सुखारी।
वृद्धा नारी करै जो पूजन, मिले भक्ति होवै पुलकित मन।।
श्रद्धा से पूजै जो कोई, भवनिधि से तर जावै सोई।
कथा भागवत यज्ञ करावै, तुम बिन नहीं सफलता पावै।।
छायो तब प्रताप जगभारी, ध्यावत तुमहिं सकल चितधारी।
तुम्हीं मात यंत्रन तंत्रन, सकल काज सिधि होवै क्षण में।।
औषधि रूप आप हो माता, सब जग में तव यश विख्याता,
देव रिषी मुनि औ तपधारी, करत सदा तव जय जयकारी।।
वेद पुरानन तव यश गाया, महिमा अगम पार नहिं पाया।
नमो नमो जै जै सुखकारनि, नमो नमो जै दुखनिवारनि।।
नमो नमो सुखसम्पति देनी, नमो नमो अघ काटन छेनी।
नमो नमो भक्तन दुःख हरनी, नमो नमो दुष्टन मद छेनी।।
नमो नमो भव पार उतारनि, नमो नमो परलोक सुधारनि।
नमो नमो निज भक्त उबारनि, नमो नमो जनकाज संवारनि।।
नमो नमो जय कुमति नशावनि, नमो नमो सुख उपजावनि।
जयति जयति जय तुलसीमाई, ध्याऊँ तुमको शीश नवाई।।
निजजन जानि मोहि अपनाओ, बिगड़े कारज आप बनाओ।
करूँ विनय मैं मात तुम्हारी, पूरण आशा करहु हमारी।।
शरण चरण कर जोरि मनाऊं, निशदिन तेरे ही गुण गाऊं।
क्रहु मात यह अब मोपर दाया, निर्मल होय सकल ममकाया।।
मंगू मात यह बर दीजै, सकल मनोरथ पूर्ण कीजै।
जनूं नहिं कुछ नेम अचारा, छमहु मात अपराध हमारा।।
बरह मास करै जो पूजा, ता सम जग में और न दूजा।
प्रथमहि गंगाजल मंगवावे, फिर सुन्दर स्नान करावे।।
चन्दन अक्षत पुष्प् चढ़ावे, धूप दीप नैवेद्य लगावे।
करे आचमन गंगा जल से, ध्यान करे हृदय निर्मल से।।
पाठ करे फिर चालीसा की, अस्तुति करे मात तुलसा की।
यह विधि पूजा करे हमेशा, ताके तन नहिं रहै क्लेशा।।
करै मास कार्तिक का साधन, सोवे नित पवित्र सिध हुई जाहीं।
है यह कथा महा सुखदाई, पढ़े सुने सो भव तर जाई।।
तुलसी मैया तुम कल्याणी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी।
भाव ना तुझे माँ नित नित ध्यावे, गा गाकर मां तुझे रिझावे।।
यह श्रीतुलसी चालीसा पाठ करे जो कोय।
गोविन्द सो फल पावही जो मन इच्छा होय।।

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तुलसी चालीसा का पाठ करने का नियम क्या है? 

  • दर्श अमावस्या के दिन तुलसी चालीसा का पाठ विशेष रूप से करें। 
  • इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करें और फिर स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूरी श्रद्धा के साथ इस चालीसा का पाठ करें। 
  • दर्श अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान करते हुए इस चालीसा का पाठ करें। इससे पितृदोष से छुटकारा मिल सकता है। 
  • आप दर्श अमावस्या के दिन शाम को प्रदोष काल में तुलसी चालीसा का पाठ कर सकते हैं। इससे आपको शुभ परिणाम मिल सकते हैं।

Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 18 December 2025 at 21:52 IST